पन्ना। लम्बे समय से रेल को देखने के लिए पन्ना जिलेवासियों (Panna district residents) की आंखे पथरा गई थी। रेल लाइन स्वीकृत हुई एवं रेल लाईन बिछाने के लिए कार्य शुरू हुआ, लेकिन पर्याप्त बजट एवं विभागीय निष्क्रियता तथा जिले की जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते न पर्याप्त बजट मिल सका और न रेल लाइन बिछाने (rail line laying) के कार्य को गति मिल सकी।
दशकों बाद पन्ना को एक शक्तिशाली नेता सांसद के रूप में व्ही डी शर्मा और संयोग से वे सत्ताधारी दल के अध्यक्ष भी हो गये तथा प्रदेश सरकार की केबिनेट में भी जिले को बृजेंद्र प्रताप सिंह जैसे कर्मठ विधायक को केबिनेट मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है। जिससे रेल लाईन अपने निर्धारित समय में पूरा कर लोगों को रेल का सपना पूरा होने का समय आ गया था, लेकिन जहां 2022 में पन्ना सतना रेल लाइन पूरी करने का लक्ष्य था वह आधा भी नहीं हो पाया और खजुराहों पन्ना में तो कई अड़चनें है । वहीं सीधी की सांसद श्रीमती रीति पाठक के अनुरोध पर रेल मंत्री ने जो रेल अधिकारियों को सबक सिखाया उसको देखकर बैठक में मौजूद अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि दंग रह गये।
ज्ञात हो कि केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव दो दिन के प्रवास पर समीपी जिला छतरपुर के अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल खजुराहो पहुंचे हुए थे। अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने खजुराहों और छतरपुर के लिए कई सौगातों की घोषणा की, लेकिन पन्ना सतना और पन्ना खजुराहो रेलवे लाइन को चालू कराने को लेकर चुप ही रहे। इससे जिले के लोगों को मायूसी ही हांथ लगी। लोगों को उम्मी थी कि मंत्री पन्ना सतना खंड में रेल का संचालन चालू कराने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित कर सकते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने पन्ना खजुराहो रेलखंड वन विभाग की जमीन के मामले को उठाया तो रेल मंत्री ने मात्र इसका जल्द निराकरण जैसा राजनैतिक जवाब देकर आगे बढ़ गये। गौरतलब है कि सतना पन्ना 73.55 किमी. लंबे रेल खंड में रेल को 2022 तक लाने का लक्ष्य था, तीन सालों तक पर्याप्त बजट नहीं मिलने से काम धीमी गति से चला। अब भी काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। इससे अभी सतना से नागौद के 30 किमी. के सेक्शन में ही ट्रेन की पटरी बिछाने का काम पूरा नहीं हो सका है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि 73.55 किमी. में पन्ना तक रेल की पटरी बिछने में कितना समय लग सकता है। पन्ना से खजुराहों के 72 किमी. लंबे रूट पर वर्ष 2024 तक रेल पटरी बिछाने के काम को पूरा करने का लक्ष्य था। जिले को जोडने वाले दोनों ही रेल लाइनों के काम अपने निर्धारित लक्ष्या से सालों पीछे चल रहे हैं इसके बाद भी मंत्री द्वारा इनके काम को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा तक नहीं किया जाना जिले की जनता की उपेक्षा को दर्शाता है। कार्यक्रम में स्थायनीय सांसद व्हीडी शर्मा, मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, जिपं अध्यक्ष रविराज यादव, पवई विधायक प्रहलाद लोधी सहित एक दर्जन करीब नेता बैठक में गए हुए थे लेकिन पन्ना के लिए कोई समय सीमा तय नहीं करा पाए और न ही कोई घोषणा की।
खजुराहो छतरपुर के लिए खोला घोषणाओं का पिटाराः-
खजुराहों प्रवास पर आए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेल के जन्म दिवस 16 अप्रैल को खजुराहों वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी। रेल मंत्री ने कहा, महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को वंदे भारत सहित अन्य ट्रेनों से जोडा जाएगा। इस ट्रेन के शुरु होने से छतरपुर टीकमगढ़ के लोगों का राजधानी के लिए सफर सुगम और फास्ट हो जाएगा। रेलवे ने झांसी स्टेशन से स्थानीय कलाकारों के उत्पाद को बढावा देने के मकसद से एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत सॉफ्ट टॉयज की शुरुआत की है। इसके तरह छतरपुर जिले के टेराकोटा के उत्पा्दों को स्टेशन पर जगह मिलेगी।
सीधी सांसद की मांग पर अधिकारियों को घर बिठाने की चेतावनी तो फिर पन्ना के सांसद क्या करते रहेंः- खजुराहों में आयोजित बैठक में उस समय सन्नाटा खिंच गया जब सीधी सांसद श्रीमती रीति पाठक ने खजुराहों सिंगरौली लाईन को ठण्डे बस्ते में पड़े होने की बात पर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की। इसको सुनते ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के गुस्से का ठिकाना नहीं रहा और वे रेलवे जीएम पर आग बबूला होकर कड़ी फटकार लगाते हुए बोले कि आप लोगों की यह लापरवाही किसी तरह बर्दाश्त नहीं की जायेगी और मैं दिल्ली पहुंचकर सभी दोषी अधिकारियों को निलंबित करूंगा। यदि आप काम नहीं कर सकते है तो व्हीआरएस लेकर घर बैठ जायें तभी बेहतर होंगा। अन्यथा आपकी नौंकरी सुरक्षित नहीं रहेगी। जब खजुराहों सिंगरौली रेलवे लाईन के लिए बजट की कोई कमी नहीं है तो फिर काम में गति क्यों नहीं आई और उदासीनता क्यों बरती गई उन्होंने कहा कि वे इस मामले की विस्तृत जांच करायेंगे और आवश्यकता पड़ी तो दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने से नहीं चूंकेंगे। आखिर वे भी तो एक सासंद है और हमारे सांसद व्ही डी शर्मा जो कि श्रीमती पाठक से बहुत पावरफुल हैं और सत्ताधारी दल के प्रदेश के मुखिया भी है तो आखिर ऐसी क्या बात है पन्ना सतना और खजुराहों पन्ना अपने निर्धारित समय में क्यों कार्य पूरा हो पा रहा और जिस तरह कछुआ चाल से काम चल रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि निर्धारित से दो गुना भी ज्यादा समय लग सकता है। मात्र काम में लेट लतीफी नहीं है बजट का भी संकट है तो फिर हमारे जिले के सांसद एवं मंत्री विधायक क्या कर रहे हैं। इससे दो ही कारण सामने आ रहे हैं या तो उनकी सुनवाई नहीं हो रही है या फिर तन्मयता से इस कार्य में वे रूचि नहीं ले रहे है। कारण चाहे जो भी यह तो वही जाने लेकिन इतना अवश्य है कि पन्ना में रेल लाईन की लेट लतीफी के लिए जिले के जनप्रतिनिधि ही जिम्मेदार हैं।
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