भोपाल । विश्व धरोहर खजुराहो (Khajuraho Dance Festival) में आयोजित ’47वें खजुराहो नृत्य समारोह’ के छठवें दिन गुरुवार शाम को शास्त्रीय नृत्य की ऊर्जावान और सजीव प्रस्तुतियों से पर्यटक आनंदित हो उठे। ‘देवी’ थीम पर मैत्रेयी पहाड़ी और कलाकारों की कथक समूह नृत्य प्रस्तुति देख दर्शक झूम उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का मनोबल बढ़ाया।
इसी क्रम में सत्यनारायण राजू द्वारा ‘देवादी देवा’, ‘हनुमन्ता देवा-नमो:’ और ‘सुमन्सा रन्जनी’ थीम पर भरतनाट्यम एवं अयाना मुखर्जी और प्रशांत कालिया के ‘अर्द्ध नारीश्वर’, ‘मीरा भजन’, ‘महादेव’, ‘शिव शम्भो’ और ‘ठिल्लाना’ थीम पर कुचिपुड़ी-छाऊ युगल नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा।
सत्यनारायण राजू एक नृतक, शिक्षक और कोरियोग्राफर हैं। सत्यनारायण संस्कृति द टेंपल ऑफ आर्ट संस्थान में अनेक युवाओं को प्रशिक्षित करते हैं। उन्हें कर्नाटक संस्कृत नृत्य अकादमी द्वारा कर्नाटक कलाश्री पुरस्कार, दूरदर्शन चंदन पुरस्कार, कर्नाटक नृत्य कला परिषद द्वारा नृत्य निपुण पुरस्कार, दक्षिण कैलिफोर्निया अमेरिका का बेस्ट एंड आउटस्टेंडिंग आर्टिस्ट ऑफ द ईयर 2003 व 2006 पुरुष्कार से नवाजा गया है।
अयान मुखर्जी कुचिपुड़ी नृत्य और प्रशांत कालिया मयूरभंज छाऊ और सांसारिक नृत्य कला के प्रतिष्ठित कलाकार हैं। हरियाणा दूरदर्शन की ग्रेड प्राप्त कलाकार हैं और आईसीसीआर में नामित है। प्रशांत कालिया पश्चिमी बैले, कंटेंपरेरी जैज और आधुनिक नृत्य के अन्य रूपों में भी समान रूप से दक्ष है। उन्हें तराना सम्मान एवं महिला दिवस के अवसर पर तेलगू एसोसिएशन दिल्ली के पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने वर्ष 2016 और 2019 में भारत के सभी प्रमुख राष्ट्रीय उत्सवों में प्रस्तुतियाँ दी हैं।
संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि खजुराहो नृत्य महोत्सव (Khajuraho Dance Festival) के मनमोहक नृत्य भारत की विविध संस्कृतियों के रंग मंच पर विखर रहें हैं। कलाकारों ने अपनी सजीव प्रस्तुतियों ने स्थापत्य को जीवंत बना दिया। यह महोत्सव विश्व स्तर पर हमारे देश के अद्वितीय इतिहास और वर्तमान विविध कलाओं से परिचय करा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved