नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए (For the Post of Congress President) वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Khadge), सांसद शशि थरूर (MP Shashi Tharoor) और झारखंड कांग्रेस नेता (Jharkhand Congress Leader) केएन त्रिपाठी (K.N. Tripathi) ने नामांकन दाखिल किया (Filed Nomination) । ऐसे में कांग्रेस की टॉप पोस्ट के लिए त्रिकोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतदान 17 अक्टूबर को होगा और इसके परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
थरूर ने आज दोपहर पार्टी मुख्यालय में पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। तिरुवनंतपुरम से सांसद ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को उनके कार्यालय में अपना नामांकन पत्र सौंपा। इसके बाद उन्होंने कहा कि खड़गे साहब का बहुत सम्मान करता हूं। अगर कई लोग नामांकन दाखिल करेंगे तो अच्छी बात है और लोगों को भी विकल्प मिलेगा। मैंने किसी को नीचा दिखाने के लिए ऐसा नहीं किया है। हमें एक साथ काम करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि वे हमारी पार्टी के भीष्म पितामह हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उनकी उम्मीदवारी के प्रस्तावकों में पार्टी नेता अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, प्रमोद तिवारी, पी एल पुनिया, ए के एंटनी, पवन कुमार बंसल और मुकुल वासनिक शामिल रहे। कांग्रेस में बदलाव की वकालत करने वाले जी23 समूह के नेता आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी खड़गे के नामांकन के प्रस्तावकों में शामिल थे। तिवारी ने कहा कि खड़गे पार्टी के सबसे अनुभवी नेताओं में शामिल हैं और दलित भी हैं।अपना नामांकन भरने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “मैं उन सभी नेता, कार्यकर्ता, प्रतिनिधी और राज्यों के नेताओं का शुक्रिया करता हूं जो मेरे साथ मेरे नामांकन के समय मौजूद रहे। 17 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आएंगे और मुझे उम्मीद है की मैं यह चुनाव जीतूंगा।”
झारखंड कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी पार्टी अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा है। नॉमिनेशन के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं के फैसले का सम्मान किया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए वह कितने गंभीर हैं और क्या पार्टी आलाकमान से इस संबंध में कोई बातचीत हुई है, यह पूछे जाने पर त्रिपाठी ने ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है। आंतरिक लोकतंत्र का यह तकाजा है कि एक किसान का बेटा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है। भाजपा में ऐसा संभव नहीं है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज ही पार्टी चीफ के चुनाव से पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि अपने सहयोगी मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन में प्रस्तावक बनेंगे। सिंह ने कहा कि उन्होंने पूरी जिंदगी कांग्रेस के लिए काम किया है और आगे भी करते रहेंगे।
मालूम हो कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। अशोक गहलोत ने कहा कि, “हमारे वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर खड़गे जी के नामांकन (कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए) के संबंध में निर्णय लिया है, मैं उनके लिए प्रस्तावक बनूंगा। हम कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।” बता दें कि गहलोत ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी।
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