नई दिल्ली(New Delhi) । सामाजिक-आर्थिक (Socio-economic)व पर्यावरण की स्थिति(environmental conditions) के लिहाज से नीति आयोग (Policy Commission)द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट(Report) में केरल(Kerala) और उत्तराखंड अव्वल(Uttarakhand tops) रहे हैं। जबकि बिहार रैंकिंग में सबसे नीचले पायदान पर रहा है। शुक्रवार को आयोग की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से देश भर में बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में भी मदद मिली है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने सतत विकास लक्ष्य ( ADG) 2023-24 सूचकांक की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि बीते दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। दो राज्यों को गरीबी उन्मूलन पर एसडीजी-1 प्राप्त करने के लिए सुधार करने की जरूरत है। इनमें बिहार और अरुणाचल प्रदेश शामिल है। इस रिपोर्ट को तैयार करने का उद्देश्य राज्यों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाकर और उसमें सुधार करना है। इसके साथ ही राज्यों को विकास के रास्ते पर लाना है। क्योंकि विकास के रास्ते ही लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में तेजी से परिवर्तन संभव है।
भारत का समग्र एसडीजी सूचकांक वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 71 हो गया है जो 2020-21 में 66 था। गरीबी उन्मूलन, सम्मानजनक, कामकाज के अवसर मुहैया कराने, आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्रवाई और जमीनी इलाकों में जीवन पर महत्वपूर्ण प्रगति के चलते यह सुधार देखने को मिला है।
उत्तराखंड और केरल का काम शानदार
रिपोर्ट से पता चलता है कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए उत्तराखंड और केरल में अच्छा काम हुआ है। उत्तराखंड और केरल 79 अंकों के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान पर पहुंचे है। इसके बाद तमिलनाडु 78 और गोवा 77वां का स्थान है। जबकि उत्तर प्रदेश को 67 अंक मिले हैं। उधर, फिसड्डी राज्यों की बात करें तो बिहार 57, झारखंड 62 और नगालैंड 63 अंक के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं। केंद्रशासित प्रदेशों में चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और दिल्ली शीर्ष पांच में शामिल किए गए हैं।
कैसे तैयार होती है रिपोर्ट
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्र से जुड़े प्रदर्शन का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाती है। नीति आयोग ने चौथी बार यह रिपोर्ट जारी की है। पहली रिपोर्ट साल 2018 में जारी हुई थी। गरीबी उन्मूलन, गुणवत्ता युक्त शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, लैंगिक समानता, स्वच्छ पेयजल, रियायती आवास एवं ऊर्जा, आर्थिक विकास, उद्योग- आधारभूत ढांचे के विकास, शहरों में रहने की टिकाऊ व्यवस्था, पर्यावरण समेत 16 बिंदुओं पर चलाई जा रही सरकार की योजनाओं के जरिए हुए कामों और बदलावों से जुड़े अध्ययन के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की जाती है।
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