तिरुवनंतपुरम । केरल सरकार (Kerala Government) ने बुधवार को राज्यपाल (Governor) आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) को चांसलर पद से (From the Post of Chancellor) हटाने के लिए (To Remove) एक अध्यादेश लाने (Bring An Ordinance) का फैसला किया है (Have Decided) । राज्य मंत्रिमंडल चांसलर की जगह पर एक विशेषज्ञ को लाने की योजना बना रहा है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा राज्य के सभी नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इस्तीफे की मांग के बाद यह फैसला आया है। दरअसल, केरल के राज्यपाल द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार केरल विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोच्चि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओसियन स्टडीज, कन्नूर विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कालीकट विश्वविद्यालय और थुंचथ एजुथाचन मलयालम विश्वविद्यालय के कुलपतियों को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
इनमें से एक एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे, जिनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध माना था, जिसके बाद इन सभी नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस्तीफा देने के राज्यपाल के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। राज्यपाल ने सिज़ा थॉमस को तिरुवनंतपुरम में एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति भी नियुक्त किया था।
इस बीच सीएम पिनाराई विजयन की सरकार ने हाईकोर्ट से राज्यपाल द्वारा की गई नियुक्ति पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। हालांकि, कोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कानूनी सलाह ले रही केरल सरकार: दूसरी ओर, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केरल सरकार संवैधानिक विशेषज्ञों और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों से कानूनी परामर्श ले रही है। सरकार ने राज्यपाल के खिलाफ संभावित कानूनी विकल्पों पर संवैधानिक विशेषज्ञ फली एस. नरीमन और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता से सलाह मांगी है।
केरल कैबिनेट द्वारा राज्यपाल को चांसलर पद से हटाने के लिए अध्यादेश लाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “अध्यादेश तभी मान्य होता है जब राज्यपाल उस पर हस्ताक्षर करते हैं, मुझे यह थोड़ा अजीब लग रहा है कि मंत्रिमंडल राज्यपाल से पूछकर प्रस्ताव पारित करेगा, देखते हैं कि क्या वे ऐसा करेंगे।”
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