तिरुवनंतपुरम (केरल) । मलयालम महीने थुलम की पांच दिवसीय पूजा के लिए सबरीमाला में भगवान अयप्पा का मंदिर 16 अक्टूबर की शाम को कुछ शर्तों के साथ खोल दिया जाएगा। एक दिन में अधिकतम 250 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति होगी। बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
राज्य सरकार के एक अधिकारी के अनुसार मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। सुरक्षा व्यवस्था में केरल सशस्त्र पुलिस (केएपी) की 5वीं बटालियन के कमांडेंट राधाकृष्णन को सुरक्षा की देखरेख के लिए विशेष पुलिस अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा पत्तनमथिट्टा जिला पुलिस प्रमुख और केएपी तीसरी बटालियन के कमांडेंट भी नियुक्त किए गए हैं।
मंदिर में एक समय में केवल 250 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश मिलेगा।वडसेरीकरा और एरुमेली को छोड़कर सबरीमाला के अन्य सभी मार्ग बंद रहेंगे। मंदिर जाने के लिए स्वामी अयप्पा रोड से ही अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि अन्नदानम के लिए पेपर प्लेट्स की व्यवस्था रहेगी और पंपा में भक्तों को नहाने की अनुमति नहीं होगी। केरल वॉटर अथॉरिटी और सिंचाई विभाग लोगों के नहाने के लिए शावर्स लगाएगा।
राज्य पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने बताया कि कर्मचारियों, अधिकारियों और श्रद्धालुओं को कोविड-19 के प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू पालन करना होगा। श्रद्धालुओं को बिना कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के प्रवेश नहीं मिलेगा। यह रिपोर्ट 48 घंटे के अंदर की होनी चाहिए। बिना रिपोर्ट के पहुंचने वालों की नीलक्ल के बेस कैंप में जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को केरल सरकार की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा।
उल्लेखनीय है कि मलयालम के महीने थुलम की शुरुआत 17 अक्टूबर से हो रही है। इसलिए मंदिर 16 अक्टूबर की शाम से भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। यहां पांच दिन तक नियमित पूजा होगी।
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