नई दिल्ली (New Dehli) । नई दिल्ली (New Dehli) । केरल (kerala) की एक कोर्ट (court)का कहना है कि अगर कोई शख्स बगैर वासना (desire) के किसी महिला (Woman) का हाथ पकड़ता है और उसे मारने की धमकी (Threat)देता है,तो इससे उसकी गरीमा को ठेस नहीं पहुंचती है। करीब 10 साल पुराने एक मामले की सुनावाई के दौरान न्यायालय ने यह बात कही है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत दर्ज मामले को रद्द कर दिया।
क्या था मामला
दरअसल, धारा 354 का मतलब किसी महिला की इज्जत को ठेस पहुंचाने के इरादे से उसपर हमला करना या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना है।
मामले की सुनवाई कर रहे ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट-2 जज संतोष टीके का कहना है कि सिर्फ हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल धारा 354 के तहत अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा, ‘सिर्फ हमला या आपराधिक बल अपराध नहीं है। यह साबित होना चाहिए कि आरोपी पीड़िता की इज्जत को ठेस पहुंचाना चाहता था। लड़की का सिर्फ हाथ पकड़ने या उसे धमकाना कि वह उसकी हत्या कर देगा, यह IPC की धारा 354 के तहत अपराध नहीं है।’
बार एंड बेंच के अनुसार, सबूतों और बयानों के आधार पर जज ने पाया कि भले ही आरोपी ने महिला का हाथ पकड़ा हो और जान से मारने की धमकी दी हो, लेकिन उसकी मंशा महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने की नहीं था। जज ने कहा, ‘ऐसा कुछ भी नहीं है, जो बताता हो कि आरोपी ने अपशब्द कहे हों या उसका इरादा हवस शांत करने का हो।’
हालांकि, कोर्ट ने यह भी पाया कि आरोपी को धारा 506(1) के तहत दोषी ठहराया जा सकता है। अदालत ने आरोपी को दो महीने की सजा सुनाई और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
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