नई दिल्ली (New Delhi) । केरल (Kerala) के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) की बेटी टी. वीणा (daughter T. Veena) भी केंद्रीय जांच एजेंसियों (central investigating agencies) की रडार पर आ चुकी हैं। उनकी आईटी कंपनी के खिलाफ केंद्र सरकार के द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी केरल की सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की चिंता बढ़ गई है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने एक निजी खनिज कंपनी और वीणा की आईटी कंपनी के बीच वित्तीय लेन-देन की शिकायतों की जांच का आदेश दिया है, जिसने हाल में दक्षिणी राज्य में एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के महानिदेशक कार्यालय के एक संयुक्त निदेशक ने जांच का आदेश दिया है। यह कार्यालय कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के तहत आता है।
संयुक्त निदेशक मोहम्मद शकील ने भेजे गए संदेशों का, या फोन करने पर कोई जवाब नहीं दिया। इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने इस विषय पर माकपा के राज्य नेतृत्व से स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि, खनिज कंपनी और वीणा की आईटी कंपनी के बीच हुए वित्तीय लेन-देन का बचाव करते हुए कुछ महीने पहले एक प्रेस बयान जारी कर चुके माकपा राज्य सचिवालय का केंद्रीय जांच पर प्रतिक्रिया आना अभी बाकी है।
घटनाक्रम की जानकारी नहीं : जयराजन
वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयोजक ई पी जयराजन ने कहा कि वह घटनाक्रम से अनभिज्ञ हैं, वहीं मंत्री पी राजीव और पी ए मोहम्मद रियास ने संवाददताओं के सवालों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। प्रतिक्रिया के लिए कहे जाने पर जयराजन ने कहा कि केंद्र राजनीतिक लाभ और हित के लिए एजेंसियों का उपयोग कर रहा है और ‘इस बारे में हमारे पास कई उदाहरण हैं।’ लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री और वीणा के पति रियास ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘इन आरोपों में नया कुछ भी नहीं है। देखिये क्या होता है।’
कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने निशाना साधा
यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है, जब वाम दल आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कई चुनाव प्रचार कार्यक्रमों की योजना बना रहा है। कंपनी से जुड़े मुद्दे को लेकर पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनकी बेटी के खिलाफ आरोप लगा रहे कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने शनिवार को कहा कि जब उन्होंने वीणा की आईटी कंपनी के खिलाफ आरोप लगाये थे, तब माकपा राज्य सचिवालय ने उनका बचाव करते हुए एक प्रेस बयान जारी किया था।
उन्होंने कहा,‘प्रेस बयान में, उन्होंने आधिकारिक तौर पर वीणा का बचाव करते हुए कहा था कि यह दो कंपनियों के बीच एक पारदर्शी सौदा था और उनके लेन-देन में कुछ भी संदिग्ध नहीं है।’
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