तिरुवनंतपुरम । केरल बार काउंसिल (Kerala Bar Council) ने कोट्टायम की महिला मजिस्ट्रेट अदालत में (In Kottayam Women Magistrate Court) हुई अनियंत्रित घटना (Uncontrolled Incident) की जांच के लिए (To Investigate) एक आयोग का गठन किया (Formed A Commission) । अदालत में शनिवार को गुस्साए वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया और एक महिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ नारे लगाए।
आयोग को जांच करने और एक सप्ताह के भीतर इसे प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। एक वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद गुरुवार को वकीलों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेजा सेतुमोहन के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए।
केरल उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को कोट्टायम की अदालत में जो हुआ उस पर नाराजगी व्यक्त करने के बाद बार काउंसिल ने इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया था। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने सवाल किया कि बार ऐसे अनावश्यक मामलों में हस्तक्षेप क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा, “बार क्या कर रहा है? सभी अनावश्यक चीजों के लिए, बार हस्तक्षेप कर रहा है। कल, मैंने कोट्टायम में मुद्दा देखा। बार चयनात्मक क्यों हो रहा है? हम कहां जा रहे हैं? इसका कोई मतलब नहीं है।”
यह स्वीकार करते हुए कि वह कोट्टायम में हुई घटना के विवरण के बारे में अनिश्चित थे, न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने चिंता व्यक्त की और कहा कि ऐसी घटनाएं कानूनी समुदाय के बारे में जनता की धारणा को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा, “अब हम यहां केवल कुछ समय के लिए रहेंगे और अगली पीढ़ी हमारी जगह लेगी। कोट्टायम की घटना से मैं परेशान हूं। जब नागरिक ऐसी घटनाएं देखेंगे तो कानूनी बिरादरी के बारे में क्या सोचेंगे।”
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