तिरुवंतपुरम (Thiruvananthapuram) । केरल (Kerala) में निपाह वायरस (Nipah Virus) ने लोगों के मन में दहशत पैदा कर दी है। राज्य में निपाह वायरस के 5 केसों की पुष्टि हो गई है। दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है। ताजा मामले में 24 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता निपाह रोगी के निकट संपर्क में आया था, वह निपाह संक्रमित पाया गया है। राज्य सरकार (state government) ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई क्षेत्रों में लॉकडाउन (lockdown) जैसी पाबंदियां लागू की हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है, जो सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। ऐसा पता लगा है कि 700 लोग मरीजों के संपर्क में आए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि इन 700 में से लगभग 77 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं।
Kerala Nipah Virus Latest Update- केरल में निपाह वायरस ने लोगों के मन में दहशत पैदा कर दी है। राज्य में निपाह वायरस के 5 केसों की पुष्टि हो गई है। दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है। ताजा मामले में 24 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता निपाह रोगी के निकट संपर्क में आया था, वह निपाह संक्रमित पाया गया है। राज्य सरकार ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई क्षेत्रों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू की हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है, जो सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। ऐसा पता लगा है कि 700 लोग मरीजों के संपर्क में आए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि इन 700 में से लगभग 77 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं।
वेंटिलेटर पर मरीज
कोझिकोड में नौ साल का एक बच्चा संक्रमण से पीड़ित है और सरकार ने बच्चे के इलाज के लिए आईसीएमआर से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का ऑर्डर दिया है। इसका कोई नैदानिक प्रमाण नहीं है कि यह निपाह के खिलाफ काम करता है लेकिन यह एकमात्र उपलब्ध उपचार है। लड़का वेंटिलेटर सपोर्ट पर है।
700 लोगों ने बढ़ाई टेंशन
लगभग 700 लोग मरीजों के संपर्क में आए और उनमें से 76 उच्च जोखिम वाले हैं। मंत्री ने कहा कि वे सभी स्थिर हैं। निपाह का सबसे ज्यादा प्रकोप कोझिकोड में हुआ है। मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर अध्ययनों के अनुसार पूरे केरल में इस तरह के संक्रमण होने का खतरा है। गौरतलब है कि केरल ने पहले निपाह के प्रकोप की सूचना 2018 में एक बार और 2019 और 2021 में दी थी। 2018 में, 18 रोगियों में से 17 की मृत्यु हो गई थी।
कर्नाटक में भी अलर्ट
केरल में निपाह के प्रकोप ने कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले को अलर्ट पर रखा है। स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस से जिले में प्रवेश करने वाले मालवाहक वाहनों की जांच के लिए सीमा बिंदुओं पर चेकपोस्ट खोलने को कहा है। पुलिस को केरल से राज्य में प्रवेश करने वाले फलों की जांच करने का निर्देश दिया गया है।
बांग्लादेश वैरिएंट है निपाह स्ट्रेन
इस बार केरल में जो निपाह स्ट्रेन पाया गया है, वह बांग्लादेश वैरिएंट है जो कम संक्रामक है लेकिन मृत्यु दर अधिक है। यह स्ट्रेन इंसान से इंसान में फैलता है।
बता दें कि निपाह एक ज़ूनोटिक वायरस है जो संक्रमित जानवरों या दूषित भोजन से मनुष्यों में फैल सकता है। फिर यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में संचारित हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी शामिल हैं जो गंभीर मामलों में मस्तिष्क की सूजन आ जाती है, जिससे मनुष्य की मृत्यु तक हो सकती है।
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