नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) (Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS) आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी (Economically Weaker (EWS) Category) के किसी छात्र को केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश देने से महज इसलिए नहीं रोक सकते कि आय प्रमाणपत्र दूसरे राज्य (Income certificate other state) में बना है। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने स्पष्ट किया कि कक्षा एक में प्रवेश से नकारे गए छात्र को कक्षा तीन में प्रवेश दिया जाए। साथ ही कहा कि केवीएस को केंद्र सरकार नियंत्रित करती है। वही तय करती है कि ईडब्ल्यूएस के लिए सालाना आय सीमा क्या होगी और प्रमाणपत्र कौन जारी करेगा।
जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि केंद्र के अनुसार, किसी राज्य में तहसीलदार या उनसे ऊपर की रैंक के अधिकारी आय प्रमाणपत्र दे सकते हैं। पहले वे सभी दस्तावेज का सावधानी से सत्यापन करते हैं व संबंधित राज्य सरकार की तय प्रक्रिया का पालन कर प्रमाणपत्र देते हैं। यह बताता है कि छात्र को किसी भी केंद्रीय विद्यालय में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में प्रवेश के लिए उसी राज्य में आय प्रमाणपत्र बनवाने की जरूरत नहीं है।
यह है मामला
विचाराधीन मामले में विद्यार्थी केंद्रीय विद्यालय, नरेला की कक्षा एक में प्रवेश चाहता था, लेकिन आय प्रमाणपत्र उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में बना था। 3 जनवरी 2022 को केवीएस अधिकारियों ने प्रवेश देने से इन्कार करते हुए पत्र जारी किया था। हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि इसमें दिया गया आधार अमान्य है।
काफी समय जाया हो गया अब कक्षा तीन में दें प्रवेश
आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि साल 2021-22 में कक्षा एक में प्रवेश के लिए आवेदन किया गया था। शुरुआती सीट आवंटन के बाद छात्र को प्रवेश से मना कर दिया गया। अब उसे अकादमिक सत्र 2023-24 से प्रवेश दिया जाए। मुकदमेबाजी में काफी समय जाया हो चुका है, इसलिए सीधे कक्षा तीन में प्रवेश देने का आदेश दिया जाता है।
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