भोपाल। मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश के बुंदेलखण्ड (Bundelkhand of Madhya Pradesh and Uttar Pradesh) क्षेत्र की जनता के लिए 8 दिसम्बर 2021 का दिन एक ऐसा शुभ समाचार लेकर आया, जिसे पूरा बुंदेलखण्ड (Bundelkhand ) हमेशा याद रहेगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय केबिनेट ने केन-बेतवा (Ken-Betwa) नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना को मंजूरी दी। यह परियोजना देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सूखे एवं बाढ़ से एक साथ निपटने के लिए नदी जोड़ो अभियान की परिकल्पना को मूर्त रूप देने की दिशा में पहला कदम है। केन्द्रीय मंत्री-मंडल ने परियोजना को मंजूरी देने के साथ ही योजना के लिए वर्ष 2020-21 की कीमतों के आधार पर 44 हजार 605 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत करते हुए परियोजना को पूर्ण करने का समय भी निर्धारित किया है।
परियोजना गर्मी के दिनों में पानी के लिए दूर-दूर तक दौड़ती बुंदेलखण्ड की जनता के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली है। विश्व जल दिवस पर 22 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में ‘जल शक्ति अभियान’ “कैच द रेन” के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश के बीच हुए त्रि-पक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
केन और बेतवा दोनो नदियों का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश से प्रारंभ होता है। केन नदी मध्यप्रदेश के जबलपुर की कैमूर पहाड़ियों से निकलकर 427 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी में समाहित हो जाती है। बेतवा नदी भी मध्यप्रदेश के रायसेन जिले से निकलकर 576 किलोमीटर की दूरी तय कर उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी से मिल जाती है।
देश में नदियों को आपस में जोड़ने के 30 लिंक चिन्हित किये गये हैं। इनमें से सर्वप्रथम केन-बेतवा लिंक परियोजना का क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में फैले बुंदेलखण्ड क्षेत्र को पानी और बिजली देने की यह योजना बाँधों, टनलों, नहरों और पॉवर हाउसों के माध्यम से जलाभाव-ग्रस्त मध्यप्रदेश के 9 और उत्तरप्रदेश के 4 जिलों का कायाकल्प कर देगी।
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