नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को 15 मई को सुनवाई के लिए लिस्ट में शामिल कर दिया, जिसमें उन्होंने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय से उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती दी है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने आप नेता केजरीवाल को ईडी से पेश किए गए जवाब पर अपना उत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया. अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट के दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद 21 मार्च को जांच एजेंसी ईडी ने गिरफ्तार किया था.
इस मामले में सुवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी कि याचिका फिलहाल निरर्थक हो गई है क्योंकि केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि ईडी का हलफनामा इस शुरुआती मुद्दे से जुड़ा है कि यह मामला अब कैसे निरर्थक हो गया है. जांच एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि अपनी गिरफ्तारी को केजरीवाल ने एक अलग याचिका में चुनौती दी थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और उनकी अपील मौजूदा वक्त में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मनोज जैन भी शामिल थे, उसने पूछा कि ‘इस मामले में अब क्या बचा है.’
ईडी के समन के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे केजरीवाल
वहीं केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि वह ईडी के रुख पर एक जवाब दाखिल करेंगे. जिसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी ईडी की ‘प्रारंभिक कार्रवाई’ कानून के मुताबिक नहीं थी. अदालत ने कहा कि ‘याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इसे दो हफ्ते में पूरा किया जाए. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने ईडी से जारी नौवें समन के मद्देनजर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसमें उन्हें 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया था. हाईकोर्ट की पीठ ने 20 मार्च को ईडी को याचिका की स्थिरता के बारे में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. अगले दिन उसने ईडी से केजरीवाल की गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर भी जवाब देने को कहा, और कहा कि ‘इस स्तर पर’ वह उन्हें कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं है. केजरीवाल को उसी शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
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