नई दिल्ली: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव (Chandigarh mayor election) में इंडिया गठबंधन (india alliance) का खाता हार से खुला है. गठबंधन संख्या बल में पूर्ण बहुमत होते हुए भी मेयर चुनाव में मात खा गई. 16 वोटों के समर्थन वाली बीजेपी चुनाव जीत गई (BJP won the election). मेयर चुनाव में हार के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने कहा कि बीजेपी ने वोटों की चोरी की है. उन्होंने कहा कि 36 में आठ वोटों को रद्द कर दिया गया. सीएम ने बीजेपी पर चुनाव में गुंडागर्दी और बेईमानी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले स्थानीय एडमिनिस्ट्रेशन ने वहां मीडिया की एंट्री भी बैन कर दी थी. बीजेपी 16 वोटों के साथ जीत गई और गठबंधन के आठ वोट रद्द कर दिए गए.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में लोकतंत्र को लूटा गया है. देश के लोकतंत्र में आज का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा. सीएम मान ने कहा कि मेयर आज सीट पर बैठाया गया है, जीता नहीं है. भगवंत मान ने कहा कि ये राष्ट्रीय मुद्दा है. ये देश की बात है. दुर्भाग्य से ये वो ही महीना है जब हमने गणतंत्र दिवस मनाया. चंडीगढ़ में लोकतंत्र को लूटा गया. पहले ये चुनाव 18 तारीख को होना था लेकिन जानबूझकर प्रिजाइडिंग ऑफिसर को बीमार कर दिया गया. पहले पूरा डेमो दिया गया. लग रहा था कि भाजपा आज लोकतांत्रिक हो गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 तारीख को अनिल मसीह ने कहा था कि उनकी रीढ़ की हड्डी में दर्द है वो नहीं आ सकते. आज ये साबित हो गया कि वो तो बिना रीढ़ की हड्डी वाले हैं. 36 वोट गिनने में भाजपा इतना बड़ा घोटाला कर सकती है तो 90 करोड़ वोटों की गिनती कैसे होगी. फिर तो 2024 में उम्मीद ही छोड़ देते हैं. बैलट बॉक्स अनिल मसीह जैसे लोगों के घरों से मिलते हैं. भगवंत मान ने कहा कि मेयर को सीट पर बैठाया गया है. मेयर चुना नहीं गया है.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, चंडीगढ़ में आज 30 जनवरी को मेयर चुनाव हुआ है. सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ था. इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उम्मीद जताई थी कि इंडिया गठबंधन के लिए चंडीगढ़ से पहली जीत की खबर आ जाएगी. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन में मेयर चुनाव लड़ा था. दोनों दलों के पास कुल 20 पार्षद हैं, जबकि बीजेपी के पास सांसद के वोट के साथ सिर्फ 16 ही वोट होते हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि आठ वोटों को रिजेक्ट कर दिया गया, जिससे बीजेपी को जीत मिल गई. मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत पर समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने शक्ति के दुरुपयोग, अधिकारियों पर दबाव और धांधली का आरोप लगाया.
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