नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering cases.) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत (Bail on bond one lakh rupees) दे दी है. हालांकि, ईडी (ED) ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए 48 घंटे का वक्त मांगा था. ईडी की इस दलील को कोर्ट ने खारिज कर दिया. बताया जा रहा है कि केजरीवाल आज तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं।
केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने दावा किया कि उनके पास अरविंद केजरीवाल द्वारा शराब नीति मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का सबूत है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि शराब विक्रेताओं से मिलने वाली रिश्वत का इस्तेमाल गोवा में आप के चुनाव अभियान में किया था।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने यह भी कहा कि दक्षिण समूह से अपराध से होने वाली आय का प्रत्यक्ष पता चला है, जिसमें बीआरएस नेता के कविता भी शामिल हैं. एएसजी राजू ने यह भी दावा किया कि जांच के दौरान केजरीवाल ने अपने फोन का पासवर्ड देने से इनकार कर दिया।
क्यों बोले सीएम के वकील
सीएम के वकील ने कहा “परिस्थितियों को इंटरनली ऐसे जोड़ा जाना चाहिए कि अपराध की ओर ले जाए. वकील ने कहा कि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 100 करोड़ रुपये साउथ ग्रुप से आए थे. ये सभी बयान हैं. कोई सबूत नहीं है. ईडी और सीबीआई के अनुसार, साउथ ग्रुप राजनेताओं, व्यापारिक लोगों और अन्य लोगों का एक गिरोह है, जिन्होंने शराब लाइसेंस के लिए पैरवी की, जिसके लिए उन्होंने दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी को रिश्वत दी. केजरीवाल के वकील ने दावा किया कि कई सह-अभियुक्तोंके बयानों में विरोधाभास है।
उन्होंने कहा कि ‘अगर कमी को पूरा करने के लिए एक और बयान दर्ज किया जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा. यही वह प्रक्रिया है जिसका वो पालन करते हैं. जांच हमेशा अंतहीन होती हैं. वे जब चाहें किसी को भी फंसा देते हैं. यह उत्पीड़न का सबसे बड़ा साधन है. बुधवार को अपनी दलीलें आगे बढ़ाते हुए, केजरीवाल के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात से संतुष्ट होने के बाद मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत दे दी थी कि उनके द्वारा न्याय से बचने या जांच या गवाहों को प्रभावित करने की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
21 मार्च को किया गिरफ्तार
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था. मई में आम चुनाव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी. उन्होंने 2 जून को सरेंडर किया था।
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