नई दिल्ली: गुजरात (Gujarat News) में इस साल के अंत में चुनाव (Gujarat Assembly Elections) होने की संभावना है. चुनावों को अभी कुछ वक्त बाकी है लेकिन आम आदमी पार्टी ने अभी से गुजरात चुनाव को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुजरात के भरूच (Bharuch News) में आदिवासी संकल्प महासम्मेलन में भाग लिया. यहां रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने गुजरात में बदलाव की पैरवी की. इसके लिए सीएम केजरीवाल ने दिल्ली और हाल ही पंजाब में बनी सरकार के बेहद सफल मॉल को जनता के सामने पेश किया.
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज गुजरात में सरकारी स्कूलों की हालात बहुत खराब है. यहां 6 हजार स्कूलों को बंद कर दिया गया. कई स्कूलों की दिवारे जर्जर हो गई है. कुछ स्कूलों में तो सात कक्षाओं के बीच एक टीचर है जबकि कई स्कूल तो ऐसे हैं कि वहां एक भी शिक्षक नहीं है. कितने लाख बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह सब बदल सकता है. हमने दिल्ली में यह करके दिखाया है. केजरीवाल ने कहा कि जनता से कहा कि अगर हम यह न करें तो हमें बाहर निकाल फेंकना.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटले को दी चुनौती
अपने संबोधन के दौरान केजरीवाल ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को भी चुनौती दी. उन्होंने कहा कि आज परीक्षाओं के दौरान गुजरात पेपेर लीक के मामले में विश्व रिकॉर्ड बना रहा है. मैं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को चुनौती देता हूं कि वे बिना पेपर लीक के एक परीक्षा करा कर दिखाएं.
उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्कूल व्यवस्था देंगे जिसमें डॉक्टर, वकील और अमीर लोगों के बच्चे और एक रिक्शा चलाने वाले का बच्चा एक ही बेंच पर बैठकर साथ में पढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि हमें एक मौका दो और अगर हम इस मौके पर ये बदलाव नहीं लाते तो हमें बाहर निकाल देना.
4 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूल से कटाए नाम
आप संयोजक केजरीवाल ने कहा कि इस साल दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों से 4 लाख बच्चों ने नाम कटाकर सरकारी स्कूलों में लिखाया है. वहां अमीर और गरीब के बच्चे एक साथ पढ़ाई कर रहे हैं और यही बाबा साहेब अम्बेडकर का सपना था. उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस बार 99.7 प्रतिशत रिजल्ट आया है.
बता दें कि दिल्ली के बाहर पहले प्रयास के बाद इस साल पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब अरविंद केजरीवाल गुजरात पर अपना फोकस बनाए हुए हैं. हालांकि उनके लिए यहा की राह इतनी आसान नहीं होगी क्योंकि यहां कांग्रेस का दबदबा है और भाजपा पिछले 27 सालों से यहां शासन कर रही है. इससे पहले आप ने दावा किया था कि इस साल गुजरात चुनाव में पार्टी को 58 सीटें जीतने की संभावना है.
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