नई दिल्ली (New Delhi) । तमिलनाडु (Tamil Nadu) के सीएम एमके स्टालिन (CM MK Stalin) के बेटे उदयनिधि (Udayanidhi) के सनानत (Sananat) पर विवादित बयान (Controversial statement) को लेकर मचे हंगामे के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व मंत्री ने भी उसी तरह की बात कही है। राम और कृष्ण की पूजा ना करने की शपथ दिलाकर मंत्री पद गंवाने वाली राजेंद्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam) ने भेदभाव की बात कहते हुए कहा कि ऐसे किसी भी धर्म या सामाजिक व्यवस्था का खत्म हो जाना देश के हित में है।
राजेंद्र पाल गौतम ने एक्स पर मंगलवार को लिखा, ‘ऐसी कोई भी सामाजिक व्यवस्था या धर्म जो जाति, वर्ण-व्यवस्था या धर्म के आधार पर नफरत फैलता हो या जो ऊंच -नीच और छुआछूत के व्यवहार को बढ़ाता देता हो या जो समता, स्वतंत्रता, बन्धुता और न्याय के सिद्धान्त के खिलाफ हो उसका खत्म हो जाना समाज और देश दोनों के लिए हितकारी है !’ वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर के एक पोस्ट को साझा करते हुए आप नेता ने यह बात कही। आबंडेकर ने लिखा था, ‘सनातन धर्म छुआछूत को मानता है। हम इसे कैसे स्वीकार करें!?
भाजपा को मिला एक और मौका
‘आप’ नेता राजेंद्र पाल गौतम ने यह टिप्पणी ऐसे समय पर की है जब उदयनिधि के बयान को लेकर भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत उन तमाम दलों पर आक्रामक है जो डीएमके के साथ ‘विपक्षी इंडिया’ गठबंधन में शामिल हैं। ऐसे में ‘आप’ नेता की टिप्पणी ने भाजपा को एक और मौका दे दिया है। इससे पहले गुजरात में विधानसभा चुनाव के दौरान गौतम ने हिंदू देवी-देवताओं की पूजा-पाठ ना करने की शपथ दिलाई थी। भाजपा के आक्रामक होने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
उदयनिधि ने क्या कहा था?
तमिलनाडु के सीएम के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को यह टिप्पणी कर विवाद पैदा कर दिया कि ‘सनातन धर्म’ समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म करने की जरूरत है। उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि खत्म कर देना चाहिए। भाजपा जहां उदयनिधि के बयान को लेकर आक्रामक है और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों की घेराबंदी में जुटी है वहीं डीएमके नेता अपने बयान पर अड़े हुए हैं।
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