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केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, जेल में कैदियों की मौत पर परिजनों को मिलेंगे 7.5 लाख!

September 07, 2024

नई दिल्‍ली । केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने दिल्ली (Delhi) की जेलों (Jail) में अप्राकृतिक कारणों से मरने वाले कैदियों (Prisoners) के परिजनों या उनके कानूनी वारिसों को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने के फैसले को मंजूरी दे दी है. दिल्ली सरकार ने इस संबंध में उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) को उनकी मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव भेजा है.

जेल में कैदियों के बीच झगड़े, जेल कर्मचारियों द्वारा पिटाई, यातना, जेल अधिकारियों द्वारा लापरवाही, या चिकित्सा या पैरामेडिकल अधिकारियों द्वारा लापरवाही के कारण अप्राकृतिक मौत के मामलों में यह मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि, आत्महत्या के कारण अप्राकृतिक मृत्यु, जेल से भागने के प्रयास या जेल के बाहर वैध हिरासत से या प्राकृतिक मृत्यु, आपदा या आपदा के मामलों में मुआवजा स्वीकार्य नहीं होगा. इसके अलावा यह बीमारी से होने वाली मौतों पर भी लागू नहीं होगा.

मंजूरी के बाद प्रभावी होगी योजना
एक बयान में दिल्ली के गृह विभाग के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार को विश्वास है कि इस कदम से जेलों में सुधार होगा और किसी भी तरह की लापरवाही में कमी आएगी. एक बार मंजूरी मिलने के बाद, नीति अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होगी.


जेल अधीक्षक प्रस्तुत करेंगे रिपोर्ट
दरअसल, इस सिलसिले में संबंधित जेल अधीक्षक को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट की एक प्रति, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु का अंतिम कारण, जेल में प्रवेश के समय चिकित्सा इतिहास और मौत से पहले प्रदान किए गए किसी भी चिकित्सा उपचार का विवरण शामिल होगा.

NHRC को भी दी जाएगी रिपोर्ट
यह रिपोर्ट सूचना के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को प्रस्तुत करने के लिए जेल महानिदेशक, दिल्ली को भेजी जाएगी. जेल महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति, जिसमें दिल्ली जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक, रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, डीसीए और लॉ ऑफिसर होंगे. वो रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे और नियमों के मुताबिक मुआवजा जारी करने पर निर्णय लेंगे.

जेल कर्मचारी पर होगा ये एक्शन
प्रस्ताव में समिति को हर तिमाही या आवश्यकतानुसार एक बार बैठक कर हिरासत में मौत के मामलों पर विचार करना आवश्यक होगा. मृतक के परिजनों को मुआवजा दे दिए जाने पर जेल महानिदेशक को एनएचआरसी को सूचित करना होगा. नीति में दोषी जेल अधिकारियों के वेतन से मुआवजे की राशि की वसूली का भी प्रावधान है. इसके लिए समिति को जांच करनी होगी और यदि हिरासत में मौत में किसी जेल कर्मचारी की सीधी संलिप्तता पायी जाती है, तो समिति दोषी अधिकारी के वेतन से मुआवजा राशि की वसूली का आदेश, जैसा उचित समझती हो उस तरीके से दे सकती है.

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