नई दिल्ली। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM President Asaduddin Owaisi) ने शनिवार को एक कार्यक्रम में शामिल होते हुए कांग्रेस (Congress), दिल्ली (Delhi ) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस समय पूरी लड़ाई यही है कि पीएम मोदी (PM Modi) से बड़ा हिंदू कौन है। उन्होंने केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि आप एक मुख्यमंत्री होते हुए नाटक कर रहे हैं। दिल्ली के सीएम ने मुस्लिमों को बांग्लादेशी कह दिया। तब्लीगी जमात को बदनाम कर दिया। वहीं, कांग्रेस पर ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस के घर में कई सालों तक रोशनी नहीं आने वाली है। यह बात युवा पूरी तरह से समझ चुका है। ओवैसी ने बीजेपी पर मुस्लिमों को टिकट नहीं देने का आरोप लगाया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “बीजेपी जीत रही है क्योंकि उन्हें अधिक हिंदू वोट मिल रहे हैं।,” उन्होंने कहा, “बीजेपी कभी भी तेलंगाना, हैदराबाद या केरल जैसे राज्यों में प्रवेश नहीं करेगी।”
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर क्या बोले ओवैसी?
कार्यक्रम में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर ओवैसी ने कहा कि चार शादियों का डेटा सरकार दे दे। सबसे ज्यादा हिंदुओं की दूसरी पत्नियां हैं, मुस्लिमों की नहीं। मुस्लिमों की दूसरी पत्नी होती है तो उसे मेंटेनेंस मिलता है। संपत्ति में हिस्सा मिलता है। उन्होंने कहा, ”मैं चैलेंज करता हूं मोदी सरकार को कि नेशनल फैमिली हेल्थ का पांचवां सर्वे हुआ, बताया जाए किसकी दो बीवियां हैं। लिव-इन रिलेशनशिप को सरकार सहमति देती है।” उन्होंने सवाल पूछा कि मैं धर्म परिवर्तन करने के लिए बीजेपी से इजाजत क्यों लूं? यूसीसी की बात करते हैं और लव जिहाद के नाम पर जुल्म करते हैं। यह कौन सा यूसीसी है। ओवैसी ने कहा कि मैं जानता हूं कि कई हिंदू दोस्तों और बहनों को शादी के समय लिखवाया जाता है कि भाई की प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं लेंगे। गोवा में एक हिंदू की पत्नी 30 साल हो गई तो वह दूसरी पत्नी से शादी कर सकता है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका एक ही रोना है और वह है कि शाहबानो का। यदि हिम्मत है तो बिल्किस बानो की बात करें।
बीजेपी को बताया मुस्लिम विरोधी
असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर बीजेपी को मुसलमान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी मुस्लिमों का हाथ नहीं पकड़ सकते तो कम-से-कम उनका साथ देने का ड्रामा तो करें। ओवैसी ने कहा आजादी के 75 साल मनाए जा रहे हैं, लेकिन किसी मुसलमान नेता का नाम नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ”आप न अबुल कलाम आजाद का नाम लेते हैं, न हुसैन अहमद मदनी का। सबका साथ सबका विकास, सब बकवास है। आखिर मुसलमान का नाम क्यों नहीं लिया जाता है? आप क्यों डर रहे हैं। अरुण जेटली का जुमाल याद आता है कि ओरिजनल हमारे पास है क्लोन को क्यों लेंगे। तुमको मुझसे नफरत है कोई बात नहीं लेकिन 20 करोड़ की आबादी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हाथ नहीं पकड़ सकते तो कम से कम ड्रामा तो करो। ये तो वो भी नहीं करते हैं।”
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