नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर (Delhi’s Jantar Mantar) पर पहलवानों का धरना जारी है. पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस धरने को खिलाड़ियों के अलावा राजनीतिक पार्टियों (political parties) का भी समर्थन मिल रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) के बाद शनिवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) भी पहलवानों से मिलने जंतर मंतर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सभी लोग छुट्टी लेकर आएं और पहलवानों को समर्थन दें. हमारी बहनों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन बच्चों ने देश का नाम रौशन किया है, इसके बावजूद इन्हें इस तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि पहलवानों का यह धरना कामयाब होगा. क्योंकि जंतर मंतर बहुत ही पवित्र जगह है. 2011 में हमने भी यहीं से आंदोलन शुरू किया था और देश की राजनीति बदल दी. ये पहलवान यहीं से देश की खेल व्यवस्था को बदलेंगे. केजरीवाल ने कहा कि एक FIR करवाने के लिए पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. जो लोग देश से प्रेम करते हैं. मैं उनसे अपील करना चाहता हूं कि वो छुट्टी लेकर आएं और इन पहलवानों के साथ खड़े हों.
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को मांग की कि यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को पद से हटाया जाए और गिरफ्तार किया जाए, ताकि महिला पहलवानों को न्याय मिल सके. प्रियंका ने धरने पर बैठे पहलवानों से शनिवार को मुलाकात कर उनके प्रति समर्थन जताया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक बाहुबली और माफिया के सामने नतमस्तक हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार बृजभूषण सिंह को बचाना चाहती है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सबसे पहले बृजभूषण को उनके पद से हटाया जाना चाहिए.
प्रियंका कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के वास्ते रवाना होने से पहले शनिवार सुबह जंतर-मंतर पहुंचीं। उन्होंने महिला पहलवानों से अलग बातचीत भी की, जिस दौरान महिला पहलवान भावुक हो गईं. प्रियंका करीब एक घंटे तक वहां रहीं. इस दौरान, दीपेंद्र हुड्डा भी उनके साथ थे. कांग्रेस महासचिव ने बाद में एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “ये खिलाड़ी हमारा मान हैं. ये देश के लिए पदक जीतती हैं. पूरा देश उनके साथ है. इ्न्हें न्याय मिले-पूरा देश यही चाहता है. ये किसान परिवारों की बेटियां हैं. ज्यादातर खिलाड़ी मध्यम वर्ग के परिवारों से आते हैं. सबने बहुत संघर्ष किया है, बहुत कुछ सहा है और अपनी मेहनत एवं प्रतिभा से अपने देश और परिवार का नाम रोशन किया है.
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