नई दिल्ली। विगत दो दिनों से मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे जी.बी.पंत गवर्नंमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल समर्थन देने के लिए पहुंचे और छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार की छात्र विरोधी नीतियों से उच्च शिक्षा का बेड़ागर्क हो गया है। उनके साथ दिल्ली भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना, डुसू अध्यक्ष अक्षय दहिया और एबीवीपी के सिद्धार्थ यादव भी मौजूद थे।
गोयल ने कहा कि पिछली बार अरविन्द केजरीवाल जब मुख्यमंत्री चुने गए थे, तो उन्होंने दिल्ली में 20 नए कॉलेज खोलने की बात की थी लेकिन जब दिल्ली में उनकी सरकार बनी तो एक भी नए कॉलेज नहीं खोल गए। गोयल ने कहा कि गुरू गोविन्द सिंह (आई.पी. यूनिवर्सिटी) के अधिकारियों ने यह बात मानी है कि जी.बी.पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में इस साल प्रथम वर्ष के दाखिले नहीं होंगे और इसको आई.पी. यूनिवर्सिटी से भी पृथक किया जाएगा। इससे प्रथम वर्ष में आने वाले 210 छात्र इंजीनियरिंग, और टेक्नालॉजी की शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह कॉलेज 2007 में खुला था, तबसे यहां 40,000 रूपए फीस है, जबकि अन्य टेक्नालॉजी के कॉलेजों में लाखों में फीस है। इसको बन्द करने से निम्न व मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि वे जी.बी.पंत गवर्नंमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के साथ हैं। केजरीवाल सरकार को छात्रों के भविष्य से खेलने का कोई अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि आईपी यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त जी.बी.पंत गवर्नंमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज कॉलेज बंद होने की आशंका के चलते छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में एडमिशन चल रहा है, लेकिन काउंसलिंग की लिस्ट में कॉलेज जीबी पंत का नाम नहीं है। इससे स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार इस कॉलेज को बंद करने की तैयारी में है। (एजेंसी, हि.स.)
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