नई दिल्ली: चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) में जीवन से संबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में निजी जीवन, नौकरी, व्यापार, रिश्ते, मित्रता, शत्रु आदि जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए हैं. आमतौर पर तो लोगों को इनकी बताई गई बातें भले ही कठोर लगती हैं लेकिन ये बातें व्यक्ति को सही और गलत का भेद बताती हैं. आचार्य चाणक्य की नीतियां व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती हैं.
सबसे बड़े विद्वान थे आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य को भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में गिना जाता है. वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और रणनीतिकार होने के साथ ही अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ भी थे. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी 4 बातों का उल्लेख किया है जिसका जिक्र मनुष्य को किसी दूसरे से भूलकर भी नहीं करना चाहिए. यदि वह ऐसा करता है तो उसे नुकसान भुगतना पड़ सकता है. आइए जानते हैं क्या हैं वो बातें.
अपने दुखों को किसी से न कहें
अक्सर व्यक्ति दुखी होता है तो वह एक सहारा ढूंढता है. ऐसे में वो अपने करीबियों से अपना दुख भी साझा करता है. जैसे उसके साथ क्या हुआ, या किसी ने उसका अपमान किया. लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं ऐसी बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए. यदि वह आपका मित्र भी होगा तो भी वह आपके सामने तो आपको सांत्वना देगा लेकिन पीठ पीछे आपकी हंसी उड़ाएगा. इसलिए आप ऐसी नौबत ही न आने दें.
पति-पत्नि के बीच की बातें बाहर न जाएं
पति पत्नि का रिश्ता बेहद खास होता है. ऐसे में इस रिश्ते में किसी तीसरे का दखल नहीं होना चाहिए. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दांपत्य जीवन से जुड़ी की बातें ऐसी होती है जो सिर्फ पति और पत्नी के बीच ही रहनी चाहिए. यदि पति-पत्नी के बीच की बातें बाहर चली गईं तो इससे वैवाहिक जीवन में दरार पड़ सकती है. इसलिए अपने दांपत्य जीवन से जुड़ी बातें किसी से भी न साझा करें,फिर चाहे वो आपका करीबी मित्र ही क्यों न हो.
आर्थिक नुकसान का जिक्र कभी किसी से न करें
जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है जब मनुष्य को आर्थिक रूप से परेशानी होती है. हो सकता है आपको ऋण तक लेना पड़ जाए. लेकिन ऐसी बातों को आप अपने तक ही सीमित रखें. यदि आपने ये बातें दूसरों से कहीं तो एक तो वो लोग आपसे दूरी बनाना शुरू कर देंगे और दूसरा हो सकता है आपने भरोसा करके उन्हें बातें बताई हों लेकिन वो आपकी इन बातों को गोपनीय न रखें और सबको बता दें.
किसी को अपनी धन-संपत्ति की जानकारी न दें
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस तरह अपने आर्थिक नुकसान की जानकारी किसी को नहीं देनी चाहिए, ठीक वैसे ही किसी को इस बात का जिक्र भी बिल्कुल न करें कि आपके पास कितनी धन-संपत्ति है. यदि आपने किसी से जिक्र किया तो उनके मन-मस्तिष्क में अनेकों सवाल उठेंगे और हो सकता है वो आपसे ईर्ष्या भी करने लगें.
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