भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद न बनाए जाने से निराश वरिष्ठ भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने अब मंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक दी है। उन्होंने कहा-मुझे मंत्रिमंडल में जगह मिलनी ही चाहिए। क्योंकि विंध्य को अभी भी पर्याप्त महत्व नहीं मिला है। केदारनाथ शुक्ला विधानसभा अध्यक्ष बनना चाहते थे। लेकिन पार्टी ने गिरीश गौतम को तवज्जो दी और वो निर्विरोध चुन लिए गए। अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर कर दिए गए पार्टी के वरिष्ठ विधायक केदार नाथ शुक्ला अब मंत्री बनना चाहते हैं। उनका कहना है संगठन और सरकार की मुझसे नाराजगी हो सकती है, जो कभी उजागर नहीं होती। अभी भी विंध्य को पर्याप्त महत्व और प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। मैं संगठन और सरकार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा इसलिए उन्होंने मुझे स्पीकर नहीं बनाया। शुक्ला ने गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बनने पर बधाई दी।
विधानसभा क्षेत्र में होगी औपचारिकता
भाजपा विधायक गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिए गए। इस दौड़ में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला और सीधी से विधायक केदारनाथ शुक्ल भी थे। इनमें से राजेंद्र शुक्ला तो खुद गिरीश गौतम के नामांकन में शामिल हुए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ना बनाए जाने को लेकर केदारनाथ की नाराजगी सामने आ रही है। कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसलिए गिरीश गौतम का रास्ता पहले ही साफ हो गया था।
अब तक उपेक्षित
केदारनाथ शुक्ला ने कहा विंध्य पिछड़ा इलाका है। वहां विकास की जरूरत है। सरकार में जो जगह विंध्य इलाके को मिलना चाहिए था उस कमी की पूर्ति अभी भी नहीं हो पाई है। विधानसभा अध्यक्ष बनने पर गिरीश गौतम को बहुत-बहुत बधाई। लेकिन अभी भी विंध्य क्षेत्र को जगह कम मिली है। इसलिए शुक्ला का कहना है विंध्य क्षेत्र से मंत्री पद के लिए उनके नाम पर विचार करना चाहिए। उन्होंने मंत्री पद के लिए दावा इसलिए ठोका है वो चार बार से विंध्य से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। हर बार उन्हें उम्मीद रहती है कि सरकार में उन्हें मंत्री बनाया जाए लेकिन पार्टी ने उनकी वरिष्ठता दरकिनार कर अब तक उन्हें मौका नहीं दिया।
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