मुंबई।कौन बनेगा करोड़पति सीजन 13 (KBC13) की पहली विजेता उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा की हिमानी बुंदेला (Himani Bundela) बन गईं हैं। शो के होस्ट अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के सामने हॉटसीट पर बैठकर हिमानी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ सभी सवालों के जवाब दिए।उन्होंने बता दिया है कि अगर आप कुछ करने की ठान ले और अपने ज्ञान में इजाफा करते जाए तो किसी तरह की मुश्किलें आपको डिगा नहीं सकती।हिमानी की जीत लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं।दृष्टिहीन हिमानी ने बताया कि अपने जीती हुई धनराशि का इस्तेमाल कैसे करना चाहती हैं।
अमिताभ बच्चन को भी चकित कर दिया
हिमानी बुंदेला (Himani Bundela) जब 5 की थीं तब से ही कौन बनेगा करोड़पति (kaun banega crorpati) का हिस्सा बनना चाहती थीं। बचपन में अपने दोस्तों के साथ क्विज शो (Quiz show) खेलती रहती थीं। हिमानी आगरा के केंद्रीय विद्यालय में टीचर हैं. हिमानी मेंटल मैथ्स में एक्सपर्ट हैं और खास तरीके से ‘मैथ्स मैजिक’ अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाती-सिखाती हैं।केबीसी शो के दौरान हिमानी ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को भी अपने मैथ्स पढ़ाती नजर आईं। मैथ्स पढ़ाने और सिखाने की उनकी ट्रिक्स देखकर अमिताभ भी प्रशंसा करते नजर आए।
हिमानी के बचपन की ख्वाहिश हुई पूरी
मीडिया से बात करते हुए हिमानी बुंदेला (Himani Bundela) ने बताया कि ‘जब मैं 5 साल की थी तब से ही अपने दोस्तों के साथ केबीसी खेलती थी।मैं अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सर की कॉपी करते हुए अपने दोस्तों से जनरल नॉलेज (General Knowledege) के सवाल पूछा करती थी. ये चाहत कभी खत्म नहीं हुई।पिछले साल से जब कोरोना महामारी (Corona Transition) की वजह से ऑनलाइन क्लासेस शुरू हुईं तो मैंने छात्रों के लिए ‘कौन बनेगा केंद्रीय विद्यालय चैंम्पियन’ एक नायाब तरीका अपनाया।
मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था-हिमानी बुंदेला
हिमानी आगे बताती हैं कि ‘जब मैं फाइनली केबीसी के सेट पर पहुंची तो एक पल के लिए मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि मेरा सपना सच हो गया। मैं बहुत नर्वस (Nervous) थी क्योंकि मुझे पता था कि मैं उन लोगों के साथ कंपीट कर रहीं हूं जो स्क्रीन पर देखकर तुरंत जवाब दे देंगे। लेकिन फिर मुझे लगा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, ये मेरी लाइफ का एक नया एक्सपीरिएंस होगा’।
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
2011 में एक दुर्घटना में हिमानी की देखने की शक्ति कम हो गई।कई बार ऑपरेशन हुआ लेकिन उनके आंखों की रोशनी लौटाई न जा सकी।लेकिन जीवन से हार नहीं मानते हुए बच्चों को पढ़ाने और खास तौर पर शारीरिक रुप से अक्षम बच्चों को पढ़ाने की ठान ली. हिमानी की लाइफ एक्सीडेंट के बाद काफी मुश्किल भरी रही।
दिव्यांग छात्रों के लिए कोचिंग और पापा के लिए बिजनेस में लगाएंगी धनराशि
हिमानी बताती हैं कि ‘उनके माता-पिता और भाई-बहनों ने उन्हें आगे बढ़ने में काफी मदद की. नेत्रहीन महिला कंटेस्टेंट के रुप में केबीसी में मेरी एंट्री मेरे जैसे कई लोगों के लिए प्रेरणादायक होगी। बहुत सारे स्पेशल एबिलिटी वाले छात्रों को स्कूल-कॉलेज में एडमिशन तो मिल जाता है लेकिन सरकारी प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं है। मैं अपने जीते हुए पैसों से एक ऐसी कोचिंग खोलना चाहती हूं जहां दिव्यांग बच्चों को सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा सके।इसके अलावा में अपने पापा के लिए एक छोटा बिजनेस शुरू करवाना चाहती हूं क्योंकि कोविड महामारी में उनकी नौकरी चली गई।मैं अपने मम्मी-पापा के सुरक्षित भविष्य के लिए ऐसा करना चाहती हूं’।
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