राष्ट्रीय उद्यान काजीरंगा में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है। लेकिन, जैसे-जैसे उद्यान से पानी कम होने लगा है वैसे ही बाढ़ की वजह से वन्य जीवों के मरने की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 16 गैंडे, 145 वन्य जीवों की मौत हो चुकी है। जिसमें 105 हिरण, पांच जंगली भैंस, 11 जंगली सूअर, तीन स्वाम्प डियर की मौत हुई है। बाढ़ के पानी में डूबने की वजह से 80 वन्य जीवों की मौत हुई है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर सुरक्षित स्थान की ओर जाते समय वाहन की चपेट में आने से 20 वन्य जीवों की मौत हुई है।
काजीरंगा बाघ्र प्रकल्प के अधीन 223 वन शिविरों में से 17 शिविर अभी पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 55 फीसद से अधिक हिस्सा अभी भी बाढ़ की चपेट में है। जिसकी वजह से राष्ट्रीय उद्यान के भीतर के वन्य जीव पूरी तरह से ऊंचाई वाले स्थानों से पूरी तरह नहीं लौटे हैं। हालांकि, उद्यान में पहुंचने के बाद वन्य जीवों के सामने चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। उद्यान का हरि क्षेत्र बाढ़ में डूब गया था, जिसकी वजह से चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved