– मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बोले- हर क्षेत्र में कायस्थों को विशेष जिम्मेदारी देने की जरूरत
नई दिल्ली। ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) (Global Kayastha Conference (GKC)) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद (Rajeev Ranjan Prasad) ने कहा कि न तो हम किसी के साथ हैं, न किसी के खिलाफ हैं, जो हमारे साथ है हम उसी के साथ। जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष ने रविवार को यहां तालकटोरा स्टेडियम (Talkatora Stadium) में आयोजित विश्व कायस्थ महासम्मेलन (world kayastha conference) की अध्यक्षता करते यह बात कही। उन्होंने केंद्र और राज्य की सत्ता में शिखर पर बैठे लोगों का आगाह करते हुए कहा कि कायस्थ समाज अब अपना हक लेने के लिए पूरी तरह तैयार और एकजुट है।
राजीव रंजन ने कहा कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के 5000 साल का इतिहास को यदि हम देखें तो कायस्थ समाज की हर कालखंड के शासन और प्रशासन में महत्वपूर्ण और विश्वसनीय भूमिका के उदाहरण दृष्टिगोचर हो जाते हैं। कायस्थों ने जरूरत पड़ी तो राष्ट्र की रक्षा में तलवारें भी उठाई हैं। इतना ही नहीं स्वाधीनता संग्राम से लेकर आजाद भारत में भी समाज के हस्ताक्षरों ने देश के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन आज कायस्थ कहीं न कहीं खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। इसिलिए कायस्थों को अपनी एकजुटता दिखाने के साथ अपनी ताकत का एहसास दिलाने के लिए एक मंच पर आना पड़ा है।
उन्होंने महासम्मेलन में आए आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि हम विश्व कायस्थ महासम्मेलन के माध्यम से देशभर में बड़ी संख्या में फैले कायस्थ परिवारों को उनके राजनीतिक, आर्थिक शैक्षणिक और व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी बुलंद आवाज को सत्ता तथा राजनीति के गलियारे तक पहुंचाने के लिए एकजुट हुए हैं।
विश्व कायस्थ महासम्मेलन का उद्घाटन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कायस्थ समाज का देश और समाज के निर्माण में बड़ा योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में भी कायस्थ समाज ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नेपोलियन नहीं, हमें एक के बाद एक राज्य नहीं जीतने। हमें राजनीति नहीं करनी, राष्ट्र निर्माण करना है। कायस्थ एक बुद्धिजीवी वर्ग है, जिनका पहले भी राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ संख्या बल वालों को ही नहीं, बल्कि बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण लोगों को भी राजनीति में प्रमुख स्थान मिलना चाहिए। तभी एक विकसित राष्ट्र का निर्माण संभव हो सकेगा। इसके लिए पूरे देश में आंदोलन होना चाहिए। मैं कायस्थ समाज से इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान करता हूं।
इस अवसर पर उपस्थित सुविख्यात सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने विश्व कायस्थ महासम्मेन के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कायस्थ महासम्मेलन से कायस्थों के एकजुट होने का स्पष्ट संकेत मिलता है और जिस प्रकार से यहां देश के विभिन्न राज्यों तथा अन्य देशों से कायस्थों के प्रतिनिधि जुटे हैं उससे पता चलता है कि अब हमारे राजनीतिक अधिकारों एवं हितों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कायस्थ समाज की विशिष्टिताओं को किसी को बताने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसे भरपूर आदर सम्मान देने की जरूरत है। उन्होंने दुनियाभर में फैले कायस्थों से एकजुट होकर समाज के लिए कार्य करने की अपील की।
इसके साथ ही पूर्व सांसद संजय निरुपम ने कहा कि कायस्थों का इतने बड़े पैमाने पर महासम्मेलन आयोजित होना यह स्पष्ट करता है कि अब हमारे हितों को कोई नजरअंदाज नहीं करेगा। हम सब संगठित होकर राजनीति के अलावा आर्थिक, व्यापारिक एवं शैक्षणिक अधिकारों को लेकर रहेंगे। कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के अलावा देश की प्रगति में कायस्थों की विशिष्ट भूमिका रही है और राष्ट्रहित में इस समाज के लोगों पर अब विशिष्ट जिम्मेवारी सौंपी जानी चाहिए।
सुप्रसिद्ध अभिनेता अंजन श्रीवास्तव, प्रख्यात अभिनेता शेखर सुमन एवं उनके सुपुत्र अभिनेता अध्ययन सुमन ने कायस्थों को संगठित होकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि जब हम संगठित हो जाएंगे तो कोई भी हमें कमजोर समझ कर नजरअंदाज करने का प्रयास नहीं करेगा।
विश्व हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं धर्मगुरु स्वामी चक्रपाणी जी महाराज ने कायस्थों से जीकेसी के तहत अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज को आर्थिक रूप से सबल करने के लिए भी एक रोडमैप तैयार करने पर बल दिया। स्वामी जी ने युवाओं को नौकरियों के साथ-साथ तकनीकि एवं व्यापार के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने राष्ट्र संगठन में महिलाओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि महिलाएं जब आगे आ जाएंगे तो कायस्थों का हर तरह से सशक्त होना सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं ने अपनी प्रतिभा से सभी बाधाओं को पार कर लिया है, वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, लेकिन देश में ही अवसरों के लिए देश की राजनीति और प्रशासन में भी भागीदारी जरूरी है।
जीकेसी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि समाज को अब व्यापार क्षेत्र के लिए भी खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में मौजूदा वक्त में समाज का कितना प्रतिनिधित्व है। इसके लिए हमसभी को एकजुट होने की जरूरत है।
इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन किया गया। इस महासम्मेलन में जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर, राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नू, तकनीकी सेल के अध्यक्ष आनंद सिन्हा, शिक्षा प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष दीपक वर्मा, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध सिने कलाकार अंजन श्रीवास्तव, सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका प्रिया मल्लिक, मीडिया एवं कला संस्कृति सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, फिल्म निर्माता अशोक सक्सेना, ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष ऋतु खरे, सीसीसीआई के अध्यक्ष नवीन कुमार, युवा संभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ कुमार वर्मा, युवा के राष्ट्रीय महासचिव कुमार आर्यन श्रीवास्तव समेत कई लोगों ने भी अपने विचार रखे। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved