इंदौर (Indore)। रेलवे कहने को त्योहारी सीजन में स्पेशल ट्रेनें तो चला देता है, लेकिन उनकी हालत ऐसी कर दी जाती है कि अत्यधिक लेटलतीफी के कारण यात्रियों के फजीते हो जाते हैं। ताजा मामला कटरा-इंदौर-महू स्पेशल ट्रेन का है। शुक्रवार रात इस ट्रेन को कटरा से इंदौर पहुंचना था, लेकिन यह ट्रेन करीब 22 घंटे की देरी से शनिवार रात इंदौर पहुंची।
ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने रेलवे को बहुत कोसा। कटरा-इंदौर-महू स्पेशल ट्रेन हर रविवार, मंगलवार और गुरुवार को कटरा से रात 9.40 बजे चलकर अगले दिन रात 11.15 बजे इंदौर आती है, लेकिन ज्यादातर दिनों में यह ट्रेन कभी 12, कभी 15 से 17 घंटे लेट चलती है। शनिवार को तो इस ट्रेन ने देरी का रेकॉर्ड ही तोड़ दिया। बताया जाता है कि इंदौर से कटरा जाते समय भी इस ट्रेन को कई स्टेशन पर अनावश्यक रूप से खड़ा कर दिया जाता है। गुरुवार को यह ट्रेन कटरा से घंटों लेट चली थी और रास्ते में भी लेट होती गई।
यात्री हनीष सांखला के अनुसार ज्यादातर स्पेशल ट्रेनों को सफर के दौरान प्राथमिकता नहीं दी जाती। नियमित ट्रेनों को लगातार स्पेशल ट्रेनों से आगे निकाला जाता है और स्पेशल ट्रेन को घंटों खड़ा रखा जाता है। कटरा स्पेशल को जिन स्टेशनों पर रुकना है, वहां तो बहुत कम समय रोका जाता है, लेकिन स्टेशनों के आउटर या जिन स्टेशनों पर स्टॉपेज नहीं हैं, वहां अनावश्यक रूप से घंटों खड़ा किया जाता है। इससे पहले सोमवार और बुधवार को इंदौर आने वाली कटरा स्पेशल भी घंटों देरी से इंदौर पहुंची थी। फिर ज्यादा किराया वसूलते हैं। सांखला ने कहा कि रेलवे को स्पेशल ट्रेनों को भी बराबर प्राथमिकता देना चाहिए। एक ओर तो रेलवे स्पेशल ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों से नियमित ट्रेनों की अपेक्षा ज्यादा किराया वसूलता है, दूसरी तरफ उन्हें सफर के दौरान प्राथमिकता नहीं देता। ऐसा करना सरासर गलत है।
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