महिदपुर रोड। संसार में जीव को सुखी होना है तो भगवानश्री के चरणों में मन लगाकर भक्ति में डूब जाए। मनुष्य का कल्याण निश्चित है मानव जीवन एक बार ही मिलता है। मनुष्य जितना धन-संपत्ति के पीछे दौड़ रहा है। उसके बजाय कुछ क्षण भगवान की भक्ति में लग जाये तो उसका ना केवल वर्तमान बल्कि भविष्य भी निश्चित रूप से सुधर जाता है।
यह कथन ग्राम झुटावद में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन में कथावाचक पं. जगदीश पंड्या ने भागवत कथा का वाचन करते हुए अपने मुखारविंद से कही। पं. पंड्या ने आगे कहा फल सुख के रूप में भगवान जरूर दे देता है। भगवान को छोड़कर कभी सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता। गृहस्थ जीवन में गृहस्थ कार्य को करके साथ में भगवान का भजन जरूरी है जिस प्रकार से माता-पिता की सेवा भगवान कृष्ण करते थे। उसी प्रकार मनुष्य को अपने माता -पिता की सेवा करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा का समय सुबह 9 से 1 बजे के बीच हो रही है जिसमें बड़ी संख्या में गांव के श्रद्धालुओं सहित आसपास के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।
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