सांबा। कुलगाम में शिक्षिका रजनी बाला की हत्या (Valley, Kashmiri Pandits, Migration) के बाद फैली दहशत के कारण 100 से अधिक कश्मीरी पंडितों ने घाटी से जम्मू की ओर पलायन कर दिया है। बता दें कि उत्तरी कश्मीर के बारामुला (North Kashmir) में एक कश्मीरी पंडित कॉलोनी के अध्यक्ष अवतार कृष्ण भट के अनुसार इलाके में रहने वाले 300 परिवारों में से लगभग आधे यहां से जा चुके हैं।
आपको बता दें कि कुलगाम में आतंकियों की गोली का शिकार बनी रजनी बाला का उसके पैतृक गांव सांबा के गांव नानके चक्क में बुधवार को आंतिम संस्कार कर दिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग तथा रजनी बाला के साथ काम करने वाले शिक्षक मौजूद रहे। सभी ने नम आंखों से रजनी बाला को अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर रजनी बाला के परिवार के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करने पहुंचे जम्मू कश्मीर प्रदेश भाजपा प्रधान रविन्द्र रैना, सांसद जुगल किशोर सहित अन्य नेताओं को वहां के स्थानीय लोगों के साथ-साथ कश्मीर में नौकरी कर रहे शिक्षकों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना था कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह दावा किया था कि अब कश्मीर में अब किसी भी कश्मीरी हिंदू या फिर गैर कश्मीरी का खून नहीं बहेगा लेकिन फिर भी आतंकियों ने रजनी बाला की जान ले ली।
इस दौरान भाजपा नेता, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने ही प्रशासन व जम्मू-कश्मीर भाजपा के खिलाफ नारे लगाते हुए लोग जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर उतर आए और वाहनों की आवाजाही को रोक कर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। सड़क पर धरने पर बैठ प्रदर्शनकारियों ने कश्मीरी हिंदुओं, गैर कश्मीरी कर्मियों को जम्मू में वापस लाने की मांग कर रहे थे।
प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने कहा कि पिछले दिनों राहुल भट्ट की हत्या के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह दावे के साथ कहा था कि अब घाटी में किसी बेगुनाह कर्मी की जान नहीं जाएगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। हाईवे पर धरने पर बैठे कर्मियों को मनाने के लिए डीसी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे कर्मियों तथा लोगों को आश्वसन दिया कि उनकी मांगों को प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा और इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।
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