श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के शोपियां में (In Shopian Jammu-Kashmir) आतंकी हमले में मारे गए (Killed in Terrorist Attack) कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट (Kashmiri Pandit Pooran Krishna Bhat) का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया (Cremated)। वहीं, बीजेपी नेता (BJP Leaders) दूर ही रहे (Stayed Away) । पूरण की हत्या को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाए जाने को लेकर सड़कों पर जमकर नारेबाजी भी की गई। कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर के खिलाफ भी नारे लगाए गए।
कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की लगातार हो रही हत्याओं पर काफी ज्यादा गुस्से में हैं। इन घटनाओं को देखकर लोगों में धारणा बन गई है कि उपराज्यपाल का प्रशासन कश्मीर में स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहा है और उनके लंबे दावों के बावजूद आतंकी ढांचा अभी भी कायम है। घाटी में 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मुख्य रूप से प्रवासी कामगारों को निशाना बनाकर हमले किए जा रहे हैं। आतंकवादियों ने पिछले साल से लगातार कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं, जिनमें प्रमुख व्यवसायी एमएल बिंदूर की हत्या हुई थी। उन्हें अक्टूबर में श्रीनगर में उनके मेडिकल स्टोर पर गोली मार दी गई थी।
इसी साल 12 मई को आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित राहुल भट को राजस्व कार्यालय के अंदर गोली मार दी थी। वह बडगाम में काम करते थे। जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता को राहुल भट के दाह संस्कार के दौरान गुस्साई भीड़ का सामना करना पड़ा था। वहीं, 18 अगस्त को शोपियां के छोटेपोरा गांव में एक बाग में आतंकियों ने सुनील कुमार की हत्या कर दी और पैतांबर कुमार को घायल कर दिया था।
कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट के परिवार में उनकी पत्नी स्वीटी (41), बेटी श्रेया (11) और बेटा शानू (8) हैं। उनका शोपियां जिले में एक सेब का बाग था और उनका परिवार दो साल पहले ही कोरोना महामारी के दौरान जम्मू आया था। उनका जम्मू में भी घर था इसलिए उन्होंने करीब छह महीने पहले अपने बच्चों का वहां के एक स्कूल में दाखिला करवाया था।
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