ग्वालियर। karva chauth भारतीय संस्कृति (Indian culture) में त्यौहार न केवल हमें हमारी परंपराओं से परिचित कराते हैं, बल्कि हमारे अंदर आस्था (Faith) और विश्वास जगाने का भी काम करते हैं। यही वजह है कि विकास के दौर में ईश्वर के प्रति हमारी श्रद्धा आज भी कम नहीं हुई है। हम पुरातन पद्धति (archaic method) के आधार पर ईश्वर की पूजा करते हैं। आज भी हम चांद और सूरज का अर्घ्य देते हैं। महिलाओं का सबसे पसंदीदा त्यौहार करवाचौथ रविवार को श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाएगा। इसदिन महिलाएं निर्जला व्रत रखेंगी और शाम को चांद और पति की सूरत का दीदार करके ही व्रत खोलेंगी। करवाचौथ का चांद रात आठ बजकर 11 मिनट पर दिखाई देगा।
ज्योतिषाचार्य कुमार सुचित्र रघुनंदन ने बताया कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सभी विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु दांपत्य जीवन में प्रेम तथा भाग्योदय के लिए व्रत करती हैं। इस दिन महिलाएं वैवाहिक जीवन सुखमय होने की कामना से पूरे दिन निर्जला व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ रखती हैं। इस बार पांच वर्ष के बाद करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र में चांद का पूजन होगा। इससे पहले आठ अक्टूबर 2017 को रविवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में चांद का पूजन हुआ था। इस दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ रविवार का दिन होने की वजह से सूर्य देव का भी व्रती महिलाओं को आशीर्वाद मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि चंद्रमा की सबसे प्रिय पत्नी रोहिणी है। रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा के उदय होने से पति-पत्नी में प्रेम और सुख बढ़ेगा। इसलिए रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा अर्चना विशेष फलदाई होगी। पूजा शाम 5.40 से 6.47 तक शुभ रहेगी। लेकिन ग्वालियर आंचल में चंद्रोदय रात्रि 8.11 पर होगा। इस समय चंद्रमा को अर्घ देना शुभकारी रहेगा।
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