नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद (Congress MP) कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) ने कथित चीनी वीजा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा दर्ज एक मामले में निचली अदालत (Lower court) से राहत न मिलने के बाद अग्रिम जमानत के लिए शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया।
याचिका को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है. कार्ति ने निचली अदालत के तीन जून के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
निचली अदालत ने राहत देने से किया इनकारनिचली अदालत ने कार्ति और दो अन्य को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि यह अपराध बहुत गंभीर प्रकृति का है. अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी लंबित रहने के दौरान आरोपी को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम सुरक्षा को भी रद्द कर दिया था. इसने जांच अधिकारी द्वारा बुलाए जाने पर जांच में शामिल होने का उन्हें निर्देश दिया है।
ईडी ने धनशोन का मामला दर्ज किया थाईडी ने कार्ति और अन्य के खिलाफ वर्ष 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में धनशोधन का मामला दर्ज किया था. वीजा मामले के वक्त कार्ति के पिता पी. चिदंबरम गृह मंत्री थे।
निचली अदालत ने कहा था कि कथित अपराधों की प्रकृति और गंभीरता, जांच का प्रारंभिक चरण और आरोपी कार्ति पी चिदंबरम और एस भास्कररमन के पिछले आपराधिक इतिहास भी उन्हें अग्रिम जमानत दिये जाने के मामले में अवरोधक बनते हैं।
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