नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreem Court) ने सोमवार (Monday) को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) को विदेश यात्रा की अनुमति दे दी। कार्ति के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जांच कर रहा है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण (Ashok Bhushan) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कार्ति चिदंबरम को निर्देश दिया कि वह दो करोड़ रुपये की राशि रजिस्ट्री में जमा कराने के साथ-साथ उन स्थानों की विस्तृत जानकारी दें जहां की वे यात्रा करेंगे और ठहरेंगे।
कार्ति चिदंबरम के आवेदन का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि चिदंबरम को पहले विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी, लेकिन 10 करोड़ रुपये जमा कराने के बाद। कार्ति चिदंबरम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि एक सांसद के लिए यह शर्त न्यायोचित नहीं है और वह कहीं भागने वाले नहीं हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि राशि राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कराई जाएगी और कार्ति चिदंबरम को छह महीने तक यात्रा की अनुमति होगी। इससे पहले अदालत ने उन्हे ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी एवं स्पेन की यात्रा करने की अनुमति दी थी।
उल्लेखनीय है कि कार्ति चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस समझौते एवं विदेशी निवेश सवंर्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया को पिता पी चिदंबरम के वित्तमंत्री रहते 305 करोड़ रुपये का विदेशी कोष प्राप्त करने की मंजूरी दिलाने से जुड़े कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इन मामलों की जांच ईडी एवं सीबीआई कर रही है। ईडी ने इससे पहले दावा किया था कि कार्ति चिदंबरम अदालत द्वारा विदेश यात्रा की मिली छूट का ‘दुरुपयोग’ जांच को पटरी से उतारने के लिए कर रहे हैं।
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