भोपाल। 18 साल से मध्यप्रदेश पर राज कर रही भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक चुनाव (Karnatka Election) के फैसले को देखकर चौकन्नी हो गई है। राज्य की स्थिति बिल्कुल कर्नाटक की तरह ही है, जहां पिछला चुनाव हारने के बाद भाजपा (BJP) ने जोड़-तोड़ कर सरकार बनाई थी। यहां भी कांग्रेस भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के साथ-साथ उन्हीं मुद्दों को उठाएगी, जिनके बूते पर कर्नाटक में विजय हांसिल की। इसके अलावा मध्यप्रदेश में एनटी-इनकम्बेंसी का भी एक बड़ा फेक्टर काम करेगा। प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में भी इस बात को लेकर रोष है कि पार्टी ने कल के आए कांग्रेसियों को उनके ऊपर लाद दिया। इसके चलते भाजपा को अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं को भी संतुष्ट करना पड़ेगा।
अब जाटों को साधेंगे शिवराज… कर सकते हैं वीर तेजाजी बोर्ड का गठन
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में रविवार को जाट महाकुंभ का आयोजन किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वीर तेजाजी बोर्ड के गठन का एलान कर सकते हैं। इस सम्मेलन में प्रदेश के कई हिस्सों से जाट समाज के लोग शामिल होने आ रहे हैं। गौरतलब है कि कई विधानसभा सीटों पर जाट समाज के कई मतदाता है। जो हार-जीत तय करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरण को साधने के लिए मुख्यमंत्री वीर तेजाजी बोर्ड का ऐलान कर सकते हैं। वहीं भाजपा अब आने वाले 3-4 माह में हर समुदाय की महापंचायत बुलाएगी।
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