नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa) आज रविवार को अपने पद से इस्तीफा (Resignation) दे सकते हैं। हाल ही में उन्होंने एलान किया था कि 25 जुलाई को अपनी सरकार के दो साल पूरा होने पर वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश का पालन करेंगे।
इस बीच उनके उत्तराधिकारी के तौर पर केंद्रीय कोयला, खनन व संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी और प्रदेश सरकार में खनन मंत्री व उद्योगपति एमआर निरानी का नाम आगे चल रहा है। हालांकि जोशी ने कहा कि उनसे इस बारे में अभी तक शीर्ष नेतृत्व ने कोई बात नहीं की है जबकि निरानी का कहना है कि पार्टी जो भी आदेश देगी, वह उसका पालन करेंगे।
2004 से लगातार धारवाड़ से सांसद 58 वर्षीय जोशी ने कहा कि येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी बनने के बारे में उनसे किसी ने बात नहीं की है। यह केवल मीडिया ही है जो इस बार चर्चा कर रही है। ऐसे में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। सीएम बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि वह कभी भी अगर, मगर या काल्पनिक सवालों के जवाब नहीं देते हैं और ऐसे सवालों के जवाब देना भी नहीं चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह इससे भी अनजान हैं कि किसी ने येदियुरप्पा को अपने पद से इस्तीफा देने को भी कहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम पद के बारे में कोई भी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में शीर्ष नेतृत्व लेगा। उन्होंने येदियुरप्पा को हटाए जाने पर लिंगायत समुदाय के संतों की धमकी पर भी कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वह जुलाई 2012 से जनवरी 2016 तक कर्नाटक प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी चुके हैं।
सीएम पद के लिए लॉबिंग नहीं, पार्टी का आदेश मानेंगे : निरानी
तीन बार से विधायक और एमआरएन समूह के मालिक निरानी ने सीएम पद के लिए लॉबिंग करने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के आम कार्यकर्ता है और पार्टी के निर्देशों का पालन करना उनका कर्तव्य है। साथ ही कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और दूसरे दलों की तरह यहां पदों के लिए लॉबिंग काम नहीं आती है। उन्होंने कहा कि अभी येदियुरप्पा को हटाने के लिए कोई निर्देश नहीं है। वह अभी हमारे नेता हैं और हम सभी उनके साथ हैं। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सीएम पद के लिए फैसला लेगा और हम सब इसका पालन करेंगे।
कुछ दिनों पहले ही उन्होंने दिल्ली का दौरा किया था और अपनी इस यात्रा को उन्होंने सफल करार दिया था। उन्होंने कहा कि जिंदगी में किसी भी पद के लिए लॉबिंग नहीं की। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाऊंगा। उन्होंने कहा कि न केवल वह बल्कि पार्टी के सभी 120 विधायक मुख्यमंत्री बनने की योग्यता रखते हैं। वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने से उनके सीएम बनाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।
मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक की राह आसान नहीं रही
कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा के लिए मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक की राह आसान नहीं रही। हालांकि भाजपा की तरफ से कर्नाटक के अगले सीएम के लिए अभी आधिकारिक तौर पर कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन खुद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अब यह स्पष्ट कर दिया था कि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके दिन गिने-चुने हैं।
कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि जब से मैंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तब तक मुझे प्राकृतिक आपदाओं जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, जिनका सामना राज्य ने पहले कभी नहीं किया था और कोरोना महामारी, जिसने जीवन को तबाह कर दिया था। अब एक बार फिर बाढ़ जैसी आपदा कर्नाटक के सामने है।
भाजपा हाईकमान की तरफ से कोई आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है येदियुरप्पा का 26 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में उनका आखिरी दिन हो सकता है। सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे संतोष है कि इन सब चुनौतियों के बावजूद मैं लोगों के जीवन स्तर और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कदम उठा सका हूं। मैं चुनौती का सामना करने में लोगों के समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।
कर्नाटक की राजनीति में येदियुरप्पा काफी बड़ा नाम हैं। येदियुरप्पा का लंबा राजनीतिक जीवन शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ। पहली बार 1983 में शिकारीपुरा से विधान सभा के लिए चुने गए और वहां से आठ बार जीते। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका चौथा कार्यकाल है।
इस बीच उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। सरकार गिराने में भी उनका नाम आया। यह कार्यकाल विवादों में घिर गया था क्योंकि कई भाजपा नेताओं ने येदियुरप्पा के खिलाफ खुले विद्रोह की घोषणा की थी।
येदियुरप्पा ने कहा है कि सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद वह पार्टी के लिए काम करेंगे। साथ ही कहा, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नड्डा का मेरे प्रति विशेष प्रेम और विश्वास है। आप जानते हैं कि 75 वर्ष की आयु पार करने वालों को कोई पद नहीं दिया गया है।
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