हुनसगी (यादगीर जिला). एक नाबालिग लड़की (Minor girl) से बलात्कार के आरोप में उसके परिवार (Family) द्वारा समझौता न करने और युवक (young man) के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज कराने से नाराज गांव के सवर्ण (Upper castes) नेताओं ने पूरे गांव के दलितों (Dalit) के खिलाफ किराने का सामान समेत अन्य सामानों की बिक्री पर रोक लगा दी है. यादगीर से यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है.
जिले के हुनसगी तालुक के बप्पारगा गांव के दलित परिवारों को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है. आरोप है कि गांव में दलितों को किराने का सामान और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं न बेचने का फरमान जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि नमक खरीदने के लिए एक किराने की दुकान पर गई एक दलित महिला और स्कूली बच्चों के लिए पेन खरीदने गए एक दलित युवक को दुकानदार ने बहिष्कार की बात बताई.
इस तरह के बहिष्कार की ऑडियो रिकॉर्डिंग अब वायरल हो गई है, जिसमें दुकानदार ने असहायता व्यक्त करते हुए कहा है कि गांव के मुखिया ने उन्हें किसी भी तरह का सामान न देने की सख्त हिदायत दी है. स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए पेन-पेंसिल देने की गुहार लगाने पर भी दुकानदार ने इनकार कर दिया और कहा कि पेन-पेंसिल ही नहीं, तुम्हें (दलितों को) कुछ भी नहीं देना है. इस सामाजिक क्रूरता से बप्पारगा गांव के मुट्ठी भर दलित परिवार दहशत में हैं.
पुरानी रंजिश वजह?:
गांव के एक 15 वर्षीय लड़की को शादी का झांसा देकर एक सवर्ण युवक ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. लड़की के 5 महीने की गर्भवती होने पर उसने शादी से इनकार कर दिया. इस संबंध में एक महीने पहले लड़की की मां ने नारायणपुर पुलिस थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. आरोप है कि इस मामले में अपने सामने समझौता करने के बजाय सीधे थाने जाकर शिकायत दर्ज कराने से नाराज सवर्ण नेताओं ने अब यह सामाजिक बहिष्कार किया है.
क्यों बहिष्कार?
– 15 साल की बच्ची को शादी का झांसा देकर बनाए शारीरिक संबंध
– गर्भवती हुई बच्ची, शादी से मुकरा युवक, परिवार ने दर्ज कराया केस, पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
– समझौता न करके थाने जाने पर भड़के सवर्ण, दलित परिवारों पर लगाया बहिष्कार
सभी दुकानों पर रोक
दलितों के साथ किसी भी तरह का लेनदेन न करने का फरमान सभी दुकानों पर जारी किया गया है. हमारे साथ सामाजिक बहिष्कार किया गया है. सिर्फ किराने का सामान ही नहीं, स्कूली बच्चों को पेन, नोटबुक समेत कोई भी सामान दलितों को नहीं बेचा जा रहा है: परसप्पा, बप्पारगी ग्रामवासी
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