नई दिल्ली: कर्नाटक महाराष्ट्र के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर कर्नाटक विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया है. हालात को देखते हुए बेलागमी में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. आशंका है कि इस विवाद में विभिन्न समुदाय के लोग हिंसा भी कर सकते हैं. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक फिलहाल विधानसभा में स्थिति नियंत्रण में होने के साथ बेलागवी में शांति कायम है. लेकिन तनाव की स्थिति दोनों जगह बदस्तूर बनी हुई है. स्थिति को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए शहर में करीब पांच हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. वहीं करीब दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को रिजर्व में रखा गया है.
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक तनाव पूर्ण महौल को देखते हुए कुल छह पुलिस अधीक्षकों की अलग अलग मोर्चे पर तैनाती की गई है. वहीं इनके सपोर्ट के लिए 11 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 43 उपाधीक्षक, 95 इंस्पेक्टर और 241 सब इंस्पेक्टरों के अलावा हजारों की संख्या में कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल शामिल हैं. इसी के साथ बताया गया कि वैक्सीन डिपो मैदान में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. यहां मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति (MMES) बेलगावी का महाराष्ट्र में विलय करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है.
महाराष्ट्र के हातकणंगले निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य धैर्यशील माने के अनुरोध पत्र को जिले के अधिकारियों ने खारिज कर दिया है. अधिकारियों ने कहा कि उनके भड़काऊ बयान और भाषण से शहर की कानून व्यवस्था और खराब हो सकती है. दरअसल सांसद माने ने जिले के अधिकारियों को लिखे पत्र में अपनी यात्रा के दौरान व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया था. दूसरी ओर एमईएस के अलावा कई अन्य किसान संगठनों ने भी बेलगावी में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. बता दें कि कर्नाटक विधानसभा का सत्र वर्तमान विधानसभा का आखिरी सत्र है. दरअसल चार महीने बाद ही यहां चुनाव होने हैं.
इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र एकीकरण समिति और राकांपा के सदस्यों ने सोमवार को कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर कोग्नोली टोल प्लाजा के पास जमकर विरोध प्रदर्शन किया. हालात नियंत्रण से बाहर जाते देख जिला प्रशासन ने पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी है. इसी के साथ जिले के अलावा आसपास के जिलों की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है. दूसरी ओर, पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री ने अंतर्राज्यीय सीमा विवाद (महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच) में मध्यस्थता की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अब राजनीति नहीं होनी चाहिए. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा कि यह वक्त सीमावर्ती निवासियों के साथ एक साथ खड़ा का है. इसमें राजनीति से ऊपर उठ कर लोगों की बात होनी चाहिए.
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