बेंगलुरु । कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा जारी (Issued by the Central Government) ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती देने वाली (Challenging Blocking Orders) ट्विटर की याचिका खारिज कर (Rejecting Twitter’s Petition) माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर (On Microblogging Platform) 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया (Imposed Fine of Rs. 50 Lakhs) । अदालत ने कहा कि ट्विटर की याचिका में कोई दम नहीं है।
न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी फैसला सुनाया कि ट्विटर द्वारा कर्नाटक कानूनी सेवा प्राधिकरण को 45 दिनों की अवधि में 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। पीठ ने कहा कि भुगतान में देरी होने पर हर अतिरिक्त दिन के लिए 5,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। पीठ ने कहा, “ट्विटर ने केंद्र सरकार की ब्लॉकिंग की मांग का पालन नहीं करने का कारण नहीं बताया है। ट्विटर कोई किसान या सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि एक अरबपति कंपनी है।” याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि वह भारत संघ की दलीलों से आश्वस्त है। पीठ ने यह भी कहा कि उसने ट्वीट के व्यापक प्रभावों पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के कानूनों, अंग्रेजी फैसलों और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ब्लॉकिंग आदेशों को इस आधार पर चुनौती देने वाली ट्विटर की याचिका पर शुक्रवार को आदेश सुनाया था कि खाता-स्तरीय ब्लॉकिंग उपयोगकर्ता के अधिकारों का उल्लंघन करती है। न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली एकल खंडपीठ ने यह आदेश ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की दलीलों के बाद दिया, इसमें उन्होंने बताया था कि अगर ब्लॉकिंग आदेश जारी रहा तो ट्विटर का पूरा कारोबार बंद हो जाएगा। खातों को ब्लॉक करने के लिए नियमानुसार कारण दर्ज कर माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म को देना होता है, जो नहीं किया जा रहा है।
ट्विटर ने अपनी याचिका में कहा था कि आईटी अधिनियम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा आदेशों को अवरुद्ध करना शक्तियों के अत्यधिक उपयोग और असंगतता को प्रदर्शित कर रहा है। माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म ने तर्क दिया कि एमईआईटीवाई ने ब्लॉकिंग आदेशों का अनुपालन न करने पर गंभीर परिणामों को भुगतने की की चेतावनी दी थीी।
नोटिस में आपराधिक कार्यवाही की भी चेतावनी दी गई और कहा गया है कि खातों को अवरुद्ध करने के आदेशों का पालन करने का यह एक आख्रिरी अवसर होगा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा लगभग 1,100 ट्विटर खातों को ब्लॉक करने के आदेश जारी करने के संबंध में केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को नोटिस जारी किया था।
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