नई दिल्ली. कर्नाटक (Karnataka) कैबिनेट (Cabinet)ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (KTPP) एक्ट में संशोधन (Amendment) को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने तय किया कि KTPP एक्ट को चालू विधानसभा सत्र (Assembly Session) में पेश किया जाएगा और इसके बाद संशोधन किया जाएगा. इस एक्ट में बदलाव सिर्फ इसलिए किया गया है ताकि सरकारी टेंडरों में मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण दिया जा सके. इस आरक्षण की सीमा 4 फीसदी रखी जानी है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में शुक्रवार (14 मार्च) को विधानसभा के कैबिनेट हॉल में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. इससे पहले 7 मार्च को कर्नाटक सरकार का बजट पेश होने के दौरान इस बात की पुष्टि हो चुकी थी कि सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण दिया जाएगा.
एक करोड़ तक के टेंडर में आरक्षण
सरकारी विभागों, निगमों और संस्थाओं के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में एक करोड़ तक के टेंडरों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अलावा तीन अलग-अलग श्रेणियों के तहत आपूर्तिकर्ताओं को आरक्षण दिया जाएगा. इसी में एक श्रेणी के तहत मुसलमानों को शामिल किया गया है.
बीजेपी की आपत्ति
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने जब से सरकारी टेंडरों में मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण देने की बात कही थी, तभी से विपक्षी दल ‘बीजेपी’ राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की घेराबंदी कर रही है. सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले को बीजेपी एक बार फिर मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड़ कर पेश कर रही है. कई बीजेपी नेताओं मे राज्य की कांग्रेस सरकार के इस कदम को हिंदू विरोधी भी बताया है. हालांकि इसके बावजूद सिद्धारमैया सरकार अपने वादे पर खरी उतरी और कैबिनेट ने मुस्लिम आरक्षण के लिए रास्ता तैयार कर लिया.
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