डेस्क। कर्नाटक सरकार के मंत्री बी नागेंद्र ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके ऊपर करोड़ों के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। नागेंद्र के इस्तीफे के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे और गुरुवार को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। कर्नाटक में एक सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या की थी और सुसाइड नोट में करोड़ों के घोटाले की बात कही थी। सुसाइड नोट में बी नागेंद्र का भी जिक्र था। इसी वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का कहना है कि जांच के लिए गठित विशेष जांच दल और मंत्रिमंडल में शामिल वरिष्ठ सहयोगियों से बातचीत के बाद ही वह मंत्री के इस्तीफे पर फैसला लेंगे।
आरोप के अनुसार कर्नाटक में अवैध तरीके से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इसमें महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम शामिल था। 26 मई को राज्य के एक सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली थी और पांच पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था। इस नोट में उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्री का नाम बताया था, जिन्होंने उनसे अवैध तरीके से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा था।
सरकारी कर्मचारी के सुसाइड नोट के अनुसार कुल 187 करोड़ रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए थे। इनमें से 88.62 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में भेजे गए थे। इनमें से कुछ खाते बड़ी आईटी कंपनियों और हैदराबाद के कॉपरेटिव बैंक के भी थे। सुसाइड नोट के अनुसार बी नागेंद्र के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित जनजाति निगम के खाते से 187 करोड़ रुपयों का अवैध ट्रांसफर हुआ था। इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने शिकायत की थी। इसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार के बीच मुलाकात हुई थी। इन दोनों ने कथित तौर पर नागेंद्र से इस्तीफा देने के लिए कहा था। इसके साथ ही नागेंद्र से वादा किया गया कि अगर वह निर्दोष पाए गए तो उन्हें दोबारा यह मंत्रालय सौंप दिया जाएगा।
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