बेंगलुरु । कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने एससी और एसटी के लिए (For SC and ST) बढ़ा हुआ आरक्षण (Increased Reservation) लागू करने का (To Implement) निर्देश दिया (Directs) । सरकार ने मंगलवार से कन्नड़ राज्योत्सव दिवस के अवसर पर अनुसूचित जातियों के लिए 17 फीसदी और अनुसूचित जनजातियों के लिए 7 फीसदी बढ़ा हुआ आरक्षण लागू करने का निर्देश देते हुए एक अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना में कहा गया है कि आरक्षण बढ़ाने के संबंध में उनके निर्देशों को 1 नवंबर से लागू किया जाना चाहिए।
हालांकि नौकरशाहों ने कहा है कि कार्यान्वयन के लिए जारी अधिसूचना पर कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले अस्पष्टताओं को दूर करने की जरूरत है। वरिष्ठ नौकरशाहों ने कहा कि बढ़े हुए आरक्षण को लागू करने के बाद, राज्य में कुल आरक्षण बढ़कर 56 प्रतिशत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रोस्टर्स पर फिर से काम करना होगा और कानूनी प्रावधानों के तहत भी आरक्षण में वृद्धि को लागू करना आसान नहीं है।
समाज कल्याण विभाग ने अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश को लागू करने के निर्देश दिए हैं। अधिसूचना सभी विभागों, विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, निगमों, बोर्ड्स, आयोगों, सरकारी उपक्रमों, कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) के सचिव और कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) के सीईओ को दी गई थी।
सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा घोषित अध्यादेश के अनुसार, बढ़ा हुआ आरक्षण सरकार द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों, सहायता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों पर भी लागू होगा और छात्रों के प्रवेश पर भी लागू होगा। आदेश को कर्नाटक सहकारी समिति अधिनियम और सभी सरकारी उपक्रमों के तहत पंजीकृत कंपनियों और सार्वजनिक संस्थानों में लागू करना होगा।
कर्नाटक में एससी और एसटी के लिए आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। एससी और एसटी के लिए आरक्षण बढ़ाने का फैसला लेने पर विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा दावा करती रही है। दोनों पार्टियां छह महीने से भी कम समय में होने वाले 2023 के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इसका राजनीतिक लाभ उठाने पर विचार कर रही हैं।
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