नई दिल्ली (New Delhi) । गोलगप्पे (Golgappas) एक ऐसा स्ट्रीट फूड (Street Food) है जिसका नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। अधिकतर लोग शाम के स्नैक्स में इसे खाना पसंद करते हैं। वहीं कुछ लोग तो शाम की भूख मिटाने के लिए भी गोल गप्पे खाते हैं। भारत की अलग-अलग जगहों पर इसे अलग नाम से जाना जाता है। कुछ लोग पानी पूरी कहते हैं तो कुछ पुचका कहते हैं। इसके अलावा भी इस स्ट्रीट फूड के कई नाम है। लेकिन क्या आपको पता है कि कर्नाटक में 22 प्रतिशत पानी पुरी के सेम्पल भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के क्वालिटी मानकों को पूरा करने में पीछे हैं? जानिए क्या कहती है रिपोर्ट
क्या है रिपोर्ट का कहना
एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे कर्नाटक में बेची जाने वाली लगभग 22 प्रतिशत पानी पुरी एफएसएसएआई के सुरक्षा मानकों को पूरा करने में असफल रही है। अधिकारियों ने राज्य भर से पानी पुरी के 260 सैंपल को इकट्ठा किया था। इनमें से 41 को असुरक्षित माना गया क्योंकि उनमें आर्टिफिशियल रंगों के साथ ही कैंसर पैदा करने वाले तत्व थे। इसके अलावा 18 को खराब क्वालिटी वाला और खाने के लिए असुरक्षित बताया गया। वहीं कई नमूने बासी पाए गए और वह मानव उपभोग के लिए सही नहीं थे। पानी पुरी के सैम्पल में ब्रिलियंट ब्लू, सनसेट येलो और टार्ट्राजिन जैसे केमिकल्स मिले जो कई हेल्थ प्रॉब्लम का कारण बन सकते हैं।
कर्नाटक में पहले बैन हो…
कर्नाटक सरकार ने फूड कलरिंग एजेंट रोडामाइन-बी पर रोक लगाई थी, जिसका इस्तेमाल गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी जैसी डिशेज में किया जाता था।
कैसे चेक करें गोलगप्पे के पानी में मिलावट है या नहीं
पानी पूरी का पानी हर कोई अलग-अलग तरीके से बनाता है, हालांकि अगर इसमें किसी भी तरह के केमिकल या फिर रंग की मिलावट है तो आप इसे आसानी से पकड़ सकते हैं। ध्यान रखें कि पानी अगर इमली का होगा तो वह हलका ब्राउन रंग में होगा। वहीं अगर धनिया पुदीने का पानी होगा तो वह गहरे हरे का होगा। अगर पानी का रंग हल्का हो गया तो इसमें तेजाब की मिलावट हो सकती है। अगर गोलगप्पे में एसिड मिला होगा तो स्वाद में कड़वाहट और पेट में तुरंत जलन जैसी महसूस होगी।
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