बेंगलुरु (Bangalore) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में 99 सीट लाकर दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस पार्टी (congress party) के आंकड़ों पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi), मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) समेत दिग्गज नेता भले ही खुश हों लेकिन, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि परिणाम कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। हमारे नेताओं को अपने गांवों में भी वोट नहीं मिले। कर्नाटक में सत्ता पर होने के बावजूद कांग्रेस के खाते में 28 में से सिर्फ 9 सीटें आई। डीके ने आगे कहा कि सुधार और आत्ममंथन की आवश्यकता है।
हालिया संपन्न हुए आम चुनाव के परिणामों को “चेतावनी की घंटी” बताते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि सुधार की बहुत आवश्यकता है। अफने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, “हम सभी नेताओं के साथ समीक्षा बैठकें करेंगे। यह आत्मनिरीक्षण करने और सुधार करने का समय है। परिणाम हमारे लिए खतरे की घंटी हैं।” उन्होंने कहा कि राज्य भर के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए समीक्षा बैठकों की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इन बैठकों की तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
हमारे नेताओं को अपने गांव में ही वोट नहीं मिले
कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के नतीजों पर शिवकुमार ने कहा, “हमें 14-15 सीटें जीतने का भरोसा था, लेकिन हम इन आंकड़ों को हासिल करने में विफल रहे। हमें लोगों के फैसले को स्वीकार करना होगा। पार्टी के नेताओं को अपने ही गांव-कस्बों से वोट नहीं मिले, यह चिंता की बात है।”
हार के लिए कौन जिम्मेदार
हार के लिए विधायकों को जिम्मेदार ठहराने वाले कुछ मंत्रियों की टिप्पणियों पर शिवकुमार ने कहा, “किसी ने भी मुझसे इसकी शिकायत नहीं की है। आरोप-प्रत्यारोप का कोई मतलब नहीं है। जो नेता निर्वाचन क्षेत्रों के प्रभारी हैं, उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करनी चाहिए, कारणों की जांच करनी चाहिए।” उन्होंने विधायक बसवराज शिवगंगा के एक बयान का जिक्र करते हुए सलाह दी कि विधायकों को अनावश्यक रूप से सार्वजनिक रूप से बयान जारी नहीं करना चाहिए। उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर समस्या पर चर्चा करनी चाहिए।
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