नई दिल्ली । कर्नाटक (Karnataka) की एक अदालत (court) ने पुलिस (Police) की गंभीर चूक को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। पुलिस अधीक्षक (SP) को 17 अप्रैल से पहले रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। यह मामला 2020 में पति की ओर से कथित रूप से पत्नी की हत्या से जुड़ा है, जो अब जीवित हालत में कोर्ट में पेश हुई है। महिला का नाम मल्लिगे है और उसके पति सुरेश को हत्या के आरोप में करीब डेढ़ साल जेल में बिताने पड़े। 38 वर्षीय सुरेश ने दिसंबर 2020 में कुशलनगर से अपनी पत्नी के लापता होने की शिकायत दर्ज की थी। बाद में, बेट्टादरपुरा में एक महिला का कंकाल मिला, जिसे पुलिस ने मल्लिगे का बताकर सुरेश पर हत्या का आरोप लगाया और चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।
1 अप्रैल को सुरेश के एक दोस्त ने मल्लिगे को मडिकेरी में एक पुरुष के साथ होटल में खाना खाते देखा। इसके बाद यह मामला 5वें अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय में पहुंचा, जहां उसे पेश किया गया। कोर्ट ने पुलिस की लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई। साथ ही, सख्त रुख अपनाते हुए एसपी को 17 अप्रैल तक रिपोर्ट जमा करने को कहा। सुरेश के वकील पांडु पूजारी ने बताया, ‘कुशलनगर के एक गांव के सुरेश ने 2020 में अपनी पत्नी के गायब होने की शिकायत कुशलनगर ग्रामीण पुलिस स्टेशन में दर्ज की थी। उसी समय बेट्टादरपुरा में एक कंकाल मिला। एक साल बाद पुलिस ने सुरेश को अवैध संबंध के चलते हत्या का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया।’
कंकाल और ब्लड सैंपल का होगा DNA टेस्ट
पुलिस ने कंकाल और मल्लिगे की मां के ब्लड सैंपल को DNA टेस्ट के लिए भेजा था, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। बाद में डीएनए में असमानता पाई गई, फिर भी अदालत ने रिहाई के आवेदन को खारिज कर गवाहों की जांच का आदेश दिया। गवाहों ने कहा कि मल्लिगे जीवित है और किसी के साथ भाग गई थी। 1 अप्रैल को उसे मडिकेरी के एक होटल में देखा गया, जिसके बाद मामला फिर से चर्चा में आ गया। वकील ने इसे एक बहुत ही गंभीर और दुर्लभ मामला बताया है। उन्होंने कहा कि अब अदालत के समक्ष मुख्य प्रश्न है कि यह कंकाल किसका है और पुलिस ने झूठा आरोपपत्र क्यों दाखिल किया?
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