इंदौर संतोष मिश्र। पहले तो कर्नाटक (karnataka) की एक कंपनी ( company) ने देपालपुर क्षेत्र (depalpur region) के किसानों (farmers) को ज्यादा उत्पादन पैदा करने वाले बीज ( seeds) देकर फसल ( crop) खरीदने का एग्रीमेंट (agreement) किया, लेकिन जब फसल ( crop) कम हुई तो खरीदने से हाथ खड़े कर दिए। अब किसान (farmers) बाहरी लोगों को कम दामों पर प्याज बेचने को मजबूर हैं, जबकि कंपनी ( company) द्वारा बाकायदा किसानों (farmers) से एग्रीमेंट (agreement) किया गया था कि प्याज ( onion) तैयार होने के बाद कंपनी ( company) खुद खरीदकर अपने वाहन से कर्नाटक (karnataka) ले जाएगी, लेकिन बाद में कंपनी (company) ने हाथ ऊंचे कर दिए।
देपालपुर तहसील के तलावली गांव (talawali village) के किसान (farmer) मनमोहन पटेल सहित कुछ अन्य किसानों (farmers) ने कुछ माह पूर्व साउथ की नोरा एग्रो टच कंपनी ( naro agro touch company) से कांटेक्ट किया। कंपनी ( company) ने किसानों (farmers) को खुद प्याज ( onion) के बीज ( seeds) दिए और कहा कि इन बीजों ( seeds) से प्याज ( onion) की पैदावार बढ़ेगी और एक बीज ( seeds) से 5 से ज्यादा प्याज ( onion) पैदा होंगे। गांव के 6 किसानों (farmers) मोनू पटेल, संजय परमार, विनोद परमार, राम बीसी, राहुल परमार और राजेश खेर ने मिलकर 20 बीघा से अधिक खेत में प्याज ( onion) की खेती की। कंपनी ने एग्रीमेंट (agreement) कराया था कि प्याज तैयार होने पर कंपनी ( company) द्वारा किसानों (farmers) को प्याज ( onion) की कीमत का भुगतान कर अपने वाहन से कर्नाटक (karnataka) ले जाया जाएगा। एग्रीमेंट (agreement) के आधार पर किसानों (farmers) ने प्याज ( onion) की खेती तो कर ली, लेकिन कंपनी ( company) द्वारा दिए गए बीजों ( seeds) से जब उत्पादन कम हुआ तो कंपनी ( company) के अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि पैदावार अच्छी नहीं हुई है, इसलिए प्याज ( onion) कर्नाटक (karnataka) नहीं ले जा सकते। कंपनी ( company) के अधिकारियों द्वारा इंदौर के स्थानीय विक्रेताओं को फसल ( crop) बेचने के लिए दबाव डाला गया और 4 किसानों को स्थानीय मंडी में कम दामों पर प्याज ( onion) बेचना पड़े, जबकि 2 किसान (farmers) अभी भी प्याज ( onion) रखे हुए हैं। उनको उम्मीद है कि भाव जल्द ही बढ़ेंगे, उसके बाद बेचेंगे। उल्लेखनीय है कि कंपनी ( company) द्वारा दिए गए बीज ( seeds) से जिस प्याज ( onion) की उपज हुई है उसका उत्पादन केवल साउथ में ही होता है। इस प्याज ( onion) की डिमांड साउथ इंडिया में ज्यादा होती है। वहां रेस्टोरेंट में सलाद में तो सर्व किया ही जाता है, आम जनता भी इसी प्याज ( onion) को बड़े चाव से खाती है। साउथ में प्याज ( onion) की कमी होने के चलते कंपनी ( company) ने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में कॉन्टेक्ट पर किसानों (farmers) से इसकी खेती करवाई थी।
किसानों की आय बढऩे का दावा भी फेल… साउथ में इस प्याज की ज्यादा डिमांड
कंपनी ( company) द्वारा यह भी बताया गया था कि इस प्याज ( onion) की विशेषता यह है कि इसकी फसल ( crop) मात्र 120 दिनों में ही तैयार हो जाती है, जबकि दूसरे प्याज ( onion) की फसल को तैयार होने में 140 से 150 दिन लगते हैं। इसके अलावा प्याज ( onion) के बीज ( seeds) की खरीदी का खर्च भी प्रति एकड़ 20 हजार रुपए ही आता है और जब प्याज ( onion) तैयार हो जाएगा तो ज्यादा कीमत में बिकेगा, जिससे किसानों (farmers) की आय में भी बढ़ोतरी होगी। कंपनी ने समझाया कि किसानों (farmers) को फसल ( crop) की भी चिंता नहीं करना पड़ेगी, क्योंकि कंपनी ( company) पहले से ही उनसे एग्रीमेंट (agreement) कर रही है। जब भी फसल ( crop) तैयार होगी खेतों में कंपनी ( company) की गाडिय़ां आएंगी और प्याज ( onion) उठा लेंगी, लेकिन कंपनी ( company) के झांसे में आए किसानों (farmers) ने जब उनके बीज ( seeds) खेतों में डालकर फसल ( crop) बोई तो उत्पादन सामान्य से भी कम हुआ और कंपनी ( company) ने प्याज ( onion) खरीदने से हाथ ऊंचे कर दिए।
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