नई दिल्ली (New Delhi) । कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण जमीन घोटाले (Land scams) के संबंध में कर्नाटक बीजेपी (BJP) के आरोपों का जवाब देने के लिए ओबीसी कार्ड का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि वह पिछड़े वर्ग से आते हैं और दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और इससे सब कोई ईर्ष्या करते हैं. उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ साजिशें चल रही हैं लेकिन मैं उनसे डरने वाला नहीं हूं.” उन्होंने कहा कि अगर (बीजेपी सरकार की तरफ से) जमीन गलत दे दी गई है तो जमीन वापस ले लें और हमें हमारा हक दे दें.
सिद्धारमैया के खिलाफ खड़े हुए इस विवाद का आधार ये है कि धोखाधड़ी से जमीन गंवाने वालों को जमीन आवंटित किए गए थे, जिनमें सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को दी गई जमीन भी शामिल है. उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी की जमीन MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) ने अवैध रूप से ले ली थी और जब मैं 2014 में सीएम था तो उन्होंने मुआवजे के लिए आवेदन दायर किया था.”
बीजेपी झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है- सिद्धारमैया
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी को यह कहते हुए मना कर दिया था कि जबतक “मैं सीएम हूं तबतक मुआवजे के लिए आवेदन दायर न की जाए.” बाद में 2020-21 में उन्होंने बीजेपी सरकार के पास मुआवजे के लिए आवेदन दायर किया और सरकार ने उन्हें जमीन आवंटित की.
सिद्धारमैया ने कहा, “अगर बीजेपी को लगता है कि हमें दी गई जमीन ज्यादा महंगी है तो जमीन वापस ले ली जाए और हमें हमारा हक दिया जाए.” उन्होंने कहा, “मुझे निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि मैं ओबीसी से आता हूं और दूसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं. बीजेपी सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है.”
बीजेपी को राजनीतिक तरीके से जवाब देंगे- सीएम
कर्नाटक सीएम ने कहा, “मेरे और मेरी सरकार के खिलाफ साजिश है. हम भी बीजेपी को राजनीतिक तरीके से जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि ईडी कांग्रेस विधायकों पर छापेमारी कर रही है, जबकि वाल्मीकी बोर्ड घोटाले की जांच एसआईटी पहले से कर रही है. उन्होंने फंड के गलत इस्तेमाल को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के पास गलत जानकारी है. हम दलितों के लिए निर्धारित किसी भी फंड का दुरुपयोग नहीं कर रहे हैं.
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