धारवाड़ । यूक्रेन (Ukraine) में रूसी गोलाबारी में मारे गए (Killed in Russian Shelling) मेडिकल छात्र (Medical student) नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर (Naveen Shekharappa Gyangoudar) के शव को वापस लाने के सवाल पर कर्नाटक (Karnataka) के भाजपा विधायक (BJP MLA) अरविंद बेलाड (Arvind Belad) ने गुरुवार को कहा कि शव की जगह (In place of dead body) और छात्रों को वापस लाया जा सकता है (More Students can be brought)। बेलाड ने कहा, “विमान में एक शव के लिए जरूरी जगह में आठ लोगों को समायोजित किया जा सकता है और उन्हें वापस लाया जा सकता है।”
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार मृतक नवीन के शव को यूक्रेन से वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वहां युद्ध चल रहा है। जो जिंदा हैं, उन्हें तो वापस लाना मुश्किल हो रहा है, शव को लाना तो बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद विदेश मंत्रालय एमबीबीएस छात्र नवीन के शव को वापस लाने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मामले का विशेष ध्यान रख रहे हैं।
बेलाड ने कहा, “जो लोग यूक्रेन में हैं, वे काफी दबाव में हैं। यदि वे रोमानिया चले जाएं, तो वहां सुरक्षित रहेंगे। हमारे देश की सरकार ने वहां छात्रों के लिए खाने और रहने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि वहां से लोगों को जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा।”
उन्होंने सवाल किया कि भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने बड़ी संख्या में यूक्रेन क्यों जा रहे हैं? इसका कारण यहां पर होने वाला भारी भरकम खर्च है। उन्होंने कहा, “हमारे पास भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) है, जो एक निजी संस्थान है। वे एमबीबीएस सीटों के लिए कृत्रिम मांग पैदा कर रहे हैं।” बेलाड ने कहा कि अतिरिक्त सीटें आवंटित करना निषेध है, क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार का एक तत्व मौजूद है। एमसीआई के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। भारतीय छात्रों को यहां सस्ती चिकित्सा शिक्षा क्यों नहीं मिल सकती ?
नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर यूक्रेन में 1 मार्च को रूसी गोलाबारी का शिकार होने वाले पहले भारतीय छात्र थे। उसके माता-पिता और भाई भारत सरकार से उसके शव को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पीड़ित परिवार से बात की है और आश्वासन दिया है कि वे नवीन के शव को वापस लाने के लिए सभी प्रयास करेंगे। उसके पिता शेखरप्पा ने पीएम मोदी से बात करते हुए यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों को वापस लाने की अपील की। हालांकि अभी तक परिजनों को शव मिलने की कोई जानकारी नहीं मिली है।
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