बंगलूरू। कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाईकोर्ट द्वारा मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (Muda) मामले में केस चलाने की मंजूरी देने के बाद अब भाजपा (BJP) और जेडीएस (JDS) के नेता और कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह लोग सीएम (CM) के इस्तीफे की मांंग कर रहे हैं। हालांकि, जब इस बारे में सिद्धारमैया से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
विधान सौधा परिसर के बाहर प्रदर्शन
भाजपा और जेडीएस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विधान सौधा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और इस्तीफे की मांग की।
क्या बोले सीएम?
बंगलूरू में भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैं आपको फोन करूंगा और जब इसे बताने की जरूरत होगी तब बताऊंगा।’
सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पर लगे हैं ये आरोप
यह मामला उन आरोपों से संबंधित है कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक महंगे इलाके में मुआवजा स्थल आवंटित किया गया था, जिसकी संपत्ति का मूल्य मुडा की ओर से अधिग्रहित की गई उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था। मुडा ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां मुडा ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया थ।
दरअसल, इसी घोटाले में सीएम सिद्धारमैया को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साथ ही उनके खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी। राज्यपाल के आदेश को सीएम सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट से सीएम को बड़ा झटका लगा। अदालत ने सीएम पर केस चलाने की मंजूरी दी।
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