शिवमोग्गा (Shivamogga)। कर्नाटक (Karnataka) के शिवमोग्गा (Shivamogga) में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) (Islamic State (ISIS) Conspiracy Case) की साजिश से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) (National Investigation Agency (NIA) ने बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने एक और आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। इस मामले में पहले से आरोपी बनाए गए दो अन्य लोगों के खिलाफ अतिरिक्त आरोप भी लगाए गए हैं।
मंगलुरु में आतंकी संगठन का समर्थन करने वाले भित्तिचित्र (graffiti) बनाने से संबंधित इस मामले में शुक्रवार को जारी बयान में एजेंसी ने कहा, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, इस्लामिक स्टेट (आईएस), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और तालिबान का समर्थन करने वाली ग्रैफिटी बनाकर साजिश करने के लिए एनआईए ने अराफात अली पर आरोप लगाया है। बयान के मुताबिक एनआईए ने इस मामले में अपना दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया। इसमें मोहम्मद शारिक और माज़ मुनीर अहमद के खिलाफ अतिरिक्त आरोप जोड़े गए हैं।
अराफात पर जनवरी 2020 में भित्तिचित्र लिखने के लिए काम पर रखने और अन्य आरोपियों को कट्टरपंथी बनाने का आरोप है। 14 सितंबर, 2023 को केन्या से भारत लौटने पर एनआईए ने अराफात को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। एक अन्य मामले (अल-हिंद मॉड्यूल) में अराफात पहले दुबई भाग गया था। इस मामले के दो फरार आरोपियों- अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़ेब के साथ संबंध रखने के आरोप हैं।
एनआईए के मुताबिक जांच से पता चला है कि अब्दुल मथीन और मुसाविर हुसैन के निर्देश पर ही अराफात ने मोहम्मद शारिक, माज़ मुनीर अहमद और अन्य लोगों को काम पर रखा। उसने ही मंगलुरु में दो स्थानों पर आतंक और आतंकवादी संगठनों के समर्थन में भित्तिचित्र लिखने के लिए प्रेरित किया था। एनआईए के मुताबिक अराफात अपने सहयोगियों और ऑनलाइन हैंडलर के साथ, आईएस/आईएसआईएस की आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अराफात ने अपने ऑनलाइन हैंडलर से क्रिप्टो-करेंसी के रूप में भुगतान हासिल किया। इस धनराशि से भित्तिचित्र लेखकों को भुगतान किया गया। एनआईए ने पहले मोहम्मद शारिक और माज़ मुनीर अहमद सहित नौ आरोपियों के खिलाफ एक मुख्य और एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में एनआईए आगे की जांच कर रही है।
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