बेंगलुरु । महाराष्ट्र से पानी की आवक में लगातार वृद्धि के कारण जिले के चिक्कोडी, रायबाग, अथनी और कागवाड तालुकों में कृष्णा नदी खतरे के निशान पर बह रही है। घटप्रभा और मलप्रभा नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में होने वाली बारिश से जलप्रवाह और बहिर्वाह में कमी आई है। यह स्थानीय गांवों और कस्बों के लिए एक राहत की खबर है।
पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कुछ दिनों से कृष्णा और उसकी सहायक नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश हुई है। इसके चलते नदी में पानी का स्तर बढ़ता रहा और खतरे के निशान तक पहुंच गया। कृष्णा नदी में जल प्रवाह बढ़कर 2,29,542 क्यूसेक हो गया, जिसमें महाराष्ट्र के राजापुर बैराज से 1,95,750 क्यूसेक और इसकी सहायक नदी दुधगंगा से 33,792 क्यूसेक जलस्तर शामिल है। हिडकल बांध में जलस्तर 317227 क्यूसेक और बहिर्वाह 35,888 क्यूसेक होने के साथ 2172.80 फीट पर पहुंच गया। मलाप्रभा बांध में जलस्तर 57644 क्यूसेक और बहिर्वाह 3,964 क्यूसेक होने के साथ 2076.80 फीट पर पहुंच गया। हिडकल और मलप्रभा दोनों बांधों से पानी का डिस्चार्ज गुरुवार को हुआ है।
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